‘हमें कुछ करना होगा, बंगाल की साख कम हो रही है…’, बढ़ती हिंसा और भ्रष्टाचार की घटनाओं पर बोले राज्यपाल

‘हमें कुछ करना होगा, बंगाल की साख कम हो रही है…’, बढ़ती हिंसा और भ्रष्टाचार की घटनाओं पर बोले राज्यपाल

कोलकाता। बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य की मौजूदा स्थिति के अपने मूल्यांकन पर कहा है कि हिंसा और भ्रष्टाचार की घटनाओं के कारण राज्य का बौद्धिक कद घट गया है।
पद से हटाए जाने की अटकलों को खारिज करते हुए सोमवार को कहा कि वह राज्य की खोई हुई प्रतिष्ठा को बहाल करने और इसे हिंसा मुक्त बनाने के अपने प्रयास में नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे।
ग्रामीण इलाकों का दौरा करेंगे राज्यपाल
हृदय संबंधी समस्या के कारण लगभग एक महीने तक अस्पताल में रहने के बाद 29 मई को राजभवन में पुन: कार्यभार संभालने वाले बोस ने कहा कि वह विभिन्न समुदायों के बीच सौहार्द की भावना को वापस लाने के लिए जल्द ही राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा करना शुरू करेंगे, जिनमें मुर्शिदाबाद और मालदा के हिंसा प्रभावित क्षेत्र शामिल हैं।
बोस ने स्वीकार किया कि वह इस तरह (पद से हटने) की अटकलों से थोड़ा परेशान थे, लेकिन दिल्ली में जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों ने उन्हें इन पर ध्यान न देने की सलाह दी है। बोस ने कहा कि हिंसा अब भी जारी है। मैं हिंसा को किसी विशेष सरकार से जुड़ी हुई चीज के रूप में नहीं देखता। जब चुनाव आते हैं, तो पार्टियां राजनीतिक और चुनावी लाभ के लिए हिंसा का इस्तेमाल करती हैं।
राजभवन में एक भी विधेयक लंबित नहीं
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी भूमिका के बारे में पूछे जाने पर बोस ने कहा कि वह निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे। यह कहे जाने पर कि बंगाल सरकार राज्य विधानमंडल के पारित विधेयकों को राज्यपाल द्वारा रोककर रखने से संबंधित एक संविधान संशोधन पेश करने की योजना बना रही है, बोस ने कहा कि राष्ट्रति को भेजे गए विधेयकों के अलावा राजभवन में एक भी विधेयक लंबित नहीं है।
उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों के आंदोलन पर टिप्पणी करते हुए बोस ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस मामले में न्याय होगा। राज्यपाल ने कहा कि आंदोलन लोकतंत्र का हिस्सा है। जब अदालत हस्तक्षेप करती है, तो हम सभी को उम्मीद करनी चाहिए कि न्याय होगा। मुझे यकीन है कि संबंधित लोग यह सुनिश्चित करने के लिए सभी तरीकों का इस्तेमाल करेंगे कि इस मुद्दे का उचित तरीके से निपटारा हो।

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