- एसआई भर्ती पर खोला सबसे बड़ा राज!
जयपुर। राजस्थान हाई कोर्ट की तरफ से सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 रद्द करने का फैसला सुनाए जाने के करीब 48 घंटे बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी की भजनलाल सरकार पर तीखा हमला बोला है. गहलोत ने शनिवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया है कि इस मामले में मुख्यमंत्री और सरकार दोनों का ‘दोहरा चरित्र’ सामने आया है. गहलोत ने कहा कि जब हाई कोर्ट ने भर्ती पर फैसला लेने के लिए सरकार को कहा था, तब सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया और अब जब कोर्ट ने भर्ती रद्द कर दी है तो वह इसका स्वागत कर रही है.
‘खुद कोई फैसला लेने की हिम्मत नहीं दिखाई’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हैरान करने वाला है कि सरकार ने कोर्ट में एफिडेविट देकर यह कहा था कि भर्ती को रद्द नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया, ‘सरकार तो पेपर लीक करने वालों को खुश करने के लिए ऐसा कर रही थी.’ गहलोत ने कहा कि सरकार ने खुद कोई फैसला लेने की हिम्मत नहीं दिखाई, और जब हाई कोर्ट ने फैसला सुना दिया तो वह इसका स्वागत कर रही है. उन्होंने जोर देकर कहा कि इस पूरे मामले की तह तक जाकर जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
गहलोत ने अपनी सरकार के कड़े फैसलों को किया याद
पेपर लीक की समस्या पर बात करते हुए अशोक गहलोत ने अपनी सरकार के दौरान उठाए गए कदमों को याद दिलाया. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में जब रीट की परीक्षा का पेपर आउट हुआ था, तब उन्होंने खुद रडॠ से इसकी जांच कराई थी. गहलोत ने बताया कि उस परीक्षा में करीब 35 हजार पद थे, लेकिन जनहित को ध्यान में रखते हुए उन्होंने पूरी परीक्षा को रद्द कर दिया. इतना ही नहीं, बाद में पदों की संख्या 35 हजार से बढ़ाकर 50 हजार की गई, दोबारा परीक्षा कराई गई और 50 हजार युवाओं को शांतिपूर्वक नौकरी मिली.
‘देशभर में फैली हुई है पेपर लीक की बीमारी’
गहलोत ने कहा कि पेपर लीक की यह ‘बीमारी’ सिर्फ राजस्थान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देशभर में फैली है. उन्होंने कहा, ‘यह फढरउ में भी है, ज्यूडिशरी में भी है.’ गहलोत ने उदाहरण देते हुए कहा कि राजस्थान की ज्यूडिशरी का पेपर भी आउट हुआ था. उन्होंने गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार और पंजाब जैसे राज्यों का भी जिक्र किया, जहां यह समस्या बहुत ज्यादा है और कई जगह तो पेपर लीक करने वाले गिरोह बन गए हैं.
‘हमने इस मु्दे पर कोई कमी नहीं छोड़ी थी’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पेपर लीक को रोकने के लिए देश के सबसे कड़े कानून बनाए थे. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 10 करोड़ रुपये तक की पेनल्टी, आजीवन कारावास की सजा और संपत्ति कुर्क करने जैसे प्रावधान रखे थे. उन्होंने बताया कि इस समस्या को रोकने के लिए एमएल कुमावत की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बनाई गई थी और एसओजी में एक विशेष एंटी-चीटिंग सेल भी बनाया गया था. गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार ने इस मुद्दे पर कोई कमी नहीं छोड़ी थी.
‘अब जनहित में फैसला करे भजनलाल सरकार’
अशोक गहलोत ने इस दौरान हाईकोर्ट के फैसले के बाद सरकार को नसीहत भी दी. उन्होंने कहा कि अब यह मौजूदा सरकार को तय करना है कि वह इस फैसले के खिलाफ आगे अपील करती है या नहीं. गहलोत ने कहा, ‘सरकार जनहित में फैसला करे.’
‘हमारी सरकार गिराने में हनुमान-किरोड़ी दोनों शामिल थे’
इसके बाद गहलोत ने दो प्रमुख नेताओं, हनुमान बेनीवाल और किरोड़ी लाल मीणा पर बड़ा सियासी हमला बोला. उन्होंने कहा कि ये दोनों नेता दोस्त हैं और उनकी सरकार को गिराने की कोशिश में शामिल थे. गहलोत ने आरोप लगाया, ‘हमारी सरकार गिराने में हनुमान बेनीवाल भी थे और किरोड़ी मीणा भी शामिल थे. उन्होंने कहा कि ये दोनों दोस्त मिलकर उनकी सरकार गिराने के लिए हेलिकॉप्टर लेकर राजस्थान में घूमे थे.’ उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बच गई, यह बहुत बड़ी बात है. पैसे लेने की बात पर उन्होंने कहा कि इस पर कभी अलग से चर्चा होगी.
‘डबल कैरेक्टर’ वाली बात क्यों बोले अशोक गहलोत?

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