- निगम ने बैनर लगाकर दी चेतावनी, लिखा- नजदीक जाना मना है
बीकानेर। बीकानेर शहर में चालीस से ज्यादा मकान गिरने की स्थिति में थे, इनमें से 9 मकान गिराए जा चुके हैं और शेष 31 मकान कभी भी ध्वस्त होकर बड़े हादसे को अंजाम दे सकते हैं। निगम चाहते हुए भी इनमें से अधिकांश मकानों को गिरा नहीं पा रहा है। किसी मकान पर कोर्ट केस चल रहा है तो किसी मकान के मालिक से ही संपर्क नहीं हो पा रहा। थक-हार कर निगम ने इन मकानों पर एक बैनर लटका दिया है। जिस पर लिखा है कि
यह मकान जीर्णशीर्ण अवस्था में है। इसके नजदीक जाने से कोई भी दुर्घटना घटित हो सकती है। अत: इसके नजदीक जाना मना है। – निवेदक नगर निगम, बीकानेर
नगर निगम उपायुक्त यशपाल आहूजा ने दैनिक भास्कर को बताया- मानसून से पहले ही बीकानेर के जीर्णशीर्ण मकानों की लिस्ट बनाई गई। इन मकान मालिकों को नोटिस देने का सिलसिला शुरू हुआ। इनमें कुछ मकान के मालिक ही नहीं मिले। कुछ में किराएदार रहते हैं, वो नोटिस लेने को तैयार नहीं हैं। कुछ बंद मकानों के मालिक का ही पता नहीं चल रहा। कोई कोलकाता रहता है तो कोई देश के किसी अन्य हिस्से में। कुल मिलाकर निगम अब तक सिर्फ 7 मकानों को ही ध्वस्त कर सका है, जो कभी भी गिर सकते हैं। इनमें अधिकांश मकान शहर के अंदरूनी व पुराने क्षेत्र में स्थित है।
इन क्षेत्रों में है जर्जर मकान
बीकानेर के मोहता चौक में जर्जर मकान है। एक पुरानी पिरोल के अंदर बने मकान और दुकान कभी भी ध्वस्त हो सकते हैं। वहीं आचार्यों के चौक में भी कुछ मकान गिरने की स्थिति में है। भाजपा नेता के घर के पास ही एक गली में ध्वस्त मकान गिरने की स्थिति में है। इसके अलावा बैदों के चौक से मावा पट्?टी की ओर जाने वाले रास्ते पर घर कभी भी हादसे का कारण बन सकते हैं। रत्ताणी व्यासों के चौक में एक मकान की दीवार कुछ दिन पहले गिरी थी, इसके पास भी एक घर में दरारें साफ नजर आ रही है।
दो मकानों के बीच मकान ध्वस्त
कुछ मकान तो ऐसे हैं जो दो मकानों के बीच में है और इन्हें ध्वस्त करना पड़ा। ऐसे में ध्वस्त मकान के दोनों तरफ वाले घर भी संकट में आ गए हैं। नगर निगम जर्जर मकान तो ध्वस्त कर रहा है लेकिन दोनों तरफ बने मकानों को खुद ही अपनी मरम्मत करवानी पड़ रही है।
सरकारी भवन भी असुरक्षित
नगर निगम मकानों का सर्वे कर रही है लेकिन सरकारी भवनों का निरीक्षण नहीं हो रहा है। पिछले दिनों झालावाड़ में स्कूल की छत ढहने के बाद सात बच्चों की मौत हो गई। इसके बाद सरकारी स्कूलों का निरीक्षण अवश्य किया गया। हकीकत में नगर निगम की स्वयं की बिल्डिंग भी कई जगह मरम्मत मांग रही है। कलेक्टर और एसपी आॅफिस में तो जर्जर भवन की पहले से मरम्मत हो रही है। जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक का कार्यालय तो हाथोंहाथ आरके भवन के पास शिफ्ट किया गया है। पुराना भवन कभी भी ध्वस्त हो सकता है। इसी तरह तेलीवाड़ा में स्थित सरकारी स्कूल परिसर भी जर्जर है।
खाजूवाला में जर्जर भवनों को गिराना शुरू
खाजूवाला नगरपालिका प्रशासन ने जर्जर भवनों को चिन्हित किया। जर्जर भवनों में रहने वाले परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया। वहीं एक पूरी तरह से जर्जर हो चुके भवन को जेसीबी से गिराया गया। शुक्रवार दोपहर तक हुई हल्की बूंदाबांदी के बाद प्रशासन अलर्ट मोड़ पर है। रिमझिम बरसात से किसानों के खेत में खड़ी फसल के लिए इस समय हुई बरसात वरदान साबित होगी।
नगरपलिका अधिशाषी अधिकारी सोहनलाल ने बताया कि राज्य सरकार के आदेशानुसार तथा उपखण्ड अधिकारी खाजूवाला पंकज गढ़वाल के निर्देशन में बरसाती मौसम को देखते हुए वार्डों में पहुंच कर जर्जर मकानों को चिन्हित किया गया है। वार्ड नं. 20, 22 तथा 16 से पांच परिवारों को जर्जर भवनों से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया वहीं वार्ड नं. 16 में पूरी तरह से जर्जर हो चुके भवन को जेसीबी से गिराया गया।
इन कारणों से जर्जर हो रहे घर
पिछले कई दशकों से मकान मालिक वापस लौटे ही नहीं। इन लोगों के घरों पर पड़ौसी कचरा फैंक देते हैं, ड्रेनेज फेल होने से बरसात का पानी घरों की दीवारों को खत्म करता है।
मकान किसी को किराए पर दिया हुआ है। न तो किराएदार उसकी मरम्मत करवा रहा है और न खाली कर रहा है। मकान मालिक भी जानबूझकर मरम्मत नहीं करवा रहा, क्योंकि उसे खाली करवाना है।
कुछ मकान कानूनी मामलों में फंसे हुए हैं। अदालती कार्रवाई के चलते निगम इन्हें गिरा नहीं पा रहा है और मकान जर्जर होते जा रहे हैं।
कभी भी गिर सकते हैं बीकानेर के 40 मकान

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