ओवरफ्लो हुई एचएमएच नहर, घरों में घुसा पानी, डूबी नरमा की फसल

ओवरफ्लो हुई एचएमएच नहर, घरों में घुसा पानी, डूबी नरमा की फसल
  • सिंचाई विभाग के अधिकारी पहुंचे देरी से तो लोगों ने जताई नाराजगी
    हनुमानगढ़ (सीमा सन्देश न्यूज)।
    टाउन में टिब्बी रोड पर एचएमएच नहर में अत्यधिक मात्रा में केळी आने की वजह से रेल ट्रैक के नीचे बना साइफन जाम हो गया। इस कारण नहर ओवरफ्लो हो गई और पानी सड़क के ऊपर से होते हुए टाउन शहर की तरफ प्रवेश करने लगा। नहर का पानी पास ही स्थित 15 एचएमएच आबादी में बने घरों में घुस गया। साथ ही पास के खेतों में नरमा की फसल पानी में डूब गई। इसका पता चलने पर लोगों की भीड़ मौके पर जमा हो गई। सुबह से नहर ओवरफ्लो होने की सूचना देने के बाद काफी देर बाद भी सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। संसाधनों की भी कमी खली। इसको लेकर वहां मौजूद नागरिकों में नाराजगी देखी गई। बाद में उपखण्ड अधिकारी मांगीलाल, सिंचाई विभाग के अधिकारी, टाउन थाना प्रभारी सुभाष कच्छावा, भाजपा नेता अमित सहू आदि मौके पर पहुंचे। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने जेसीबी मशीन की मदद से केळी निकलवाकर जाम साइफन खुलवाया तो स्थिति कंट्रोल में आई। बसंत सिंह ने बताया कि शनिवार सुबह करीब दस बजे से नहर ओवरफ्लो हो रही थी। इसकी सूचना प्रशासन, सिंचाई विभाग के अधिकारियों एवं नहर अध्यक्ष को दी गई लेकिन वे न तो मौके पर पहुंचे और न ही कोई उचित व्यवस्था की गई। उन्होंने स्वयं नहर में उतरकर पुल के नीचे फंसी केळियों को हाथों की मदद से बाहर निकालने का प्रयास शुरू किया। उन्होंने कहा कि पानी की वजह से आबादी डूबने के कगार पर आ गई। तब जाकर सिंचाई विभाग के अधिकारी जागे और जेसीबी लगाकर केळी निकलवाने का कार्य शुरू किया। मौके पर मौजूद भाजपा नेता अमित सहू ने बताया कि बारिश की वजह से एचएमएच नहर में अधिक मात्रा में पानी की आवक हो रही है। पानी के साथ ही केळी आ रही है जो शनिवार दोपहर को रेल ट्रैक के नीचे साइफन में फंस गई। इस कारण पानी का फ्लो कम हो गया और नहर ओवरफ्लो हो गई। नहरी विभाग के अधिकारी ने बताया कि पानी के साथ अत्यधिक मात्रा में केळी आने से रेल लाइनों के नीचे बने पुल में केळी फंस गई। इस कारण पुल के नीचे से पर्याप्त मात्रा में पानी की निकासी होनी बंद हो गई और एचएमएच नहर ओवरफ्लो हो गई। मामला संज्ञान में आते ही मौके पर पहुंचकर पुल के नीचे फंसी केळी को निकलवाया गया। अब स्थिति कंट्रोल में है। उन्होंने बताया कि भविष्य में पानी के साथ केळी आने की संभावना के मद्देनजर मौके पर मशीन उपलब्ध करवाना सुनिश्चित किया जाएगा।

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