सीमा सन्देश#श्रीगंगानगर।
स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के तहत अप्रैल से जून 2025 तक जागरूकता और सफाई की विशेष गतिविधियाँ संचालित की जानी थी। निदेशक स्वच्छ भारत मिशन- शहरी श्वेता चौहान ने इसे लेकर 3 अप्रेल को स्पष्ट आदेश जारी किए थे। इसके तहत सभी निकायों में 15 बिन्दुओं पर फिल्ड पर विभिन्न गतिविधियां आयोजित करने के साथ लोगों को सफाई के प्रति जागरूक करना था, लेकिन नगर परिषद की लापरवाही और जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण न तो तय कार्यक्रम हुए और न ही इसके लेकर कोई हलचल। जिन अधिकारियों/कर्मचारियों पर इस आदेश के क्रियान्वयन की जिम्मेवारी थी वे भी तीन महीने पहले आदेश जारी कर भूल गए। ऐस में धरातल पर कुछ नहीं हुआ जबकि शहरी क्षेत्रों में सफाई की स्थिति सुधारने, स्वच्छता रैकिंग में सुधार और स्वच्छता अभियान को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के तहत यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम शुरू किया था। स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के सफल क्रियान्वयन की जिम्मेदारी निकाय अधिकारियों की थी, लेकिन जिस योजना का उद्देश्य शहरी स्वच्छता रैंकिंग सुधारना था, वह फाइलों में दबी रह गई।
स्वच्छता सिर्फ कागजों में! नगर परिषदों ने उड़ाए मिशन 2.0 के आदेश, तीन महीने में एक बार भी गतिविधि नहीं

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