अजमेर के गोदाम में लगी आग, संकरा रास्ता होने से दमकल पहुंचने में लगा एक घंटा

अजमेर के गोदाम में लगी आग, संकरा रास्ता होने से दमकल पहुंचने में लगा एक घंटा

अजमेर। शहर के मुंदड़ी मोहल्ले में एक गोदाम में आग लग गई. आग इतनी भयानक थी कि आसपास की सभी दुकान बंद करवाई गई. संकरा रास्ता होने के कारण छोटी दमकल को भी मौके तक पहुंचने में एक घंटा लग गया. इस बीच दुकानों में रखे अग्निशमन सिलेंडरों से आग बुझाने के प्रयास किए गए, लेकिन ये प्रयास नाकाफी रहे. बाद में दमकल ने आकर ही आग बुझाई.
मुंदड़ी मोहल्ला बाजार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक दुलानी ने बताया कि बाजार में एक दुकानदार का दो मंजिला गोदाम है. इसमें जूते, चप्पल, बैग और अन्य समान बनाने की कच्ची सामग्री थी. गोदाम की उपरी मंजिल में सुबह ही आग लग गई. प्रारंभिक तौर पर माना जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी. आग लगने से आसपास के सभी बाजारों में हड़कंप मच गया. दुकानदार अपनी अपनी दुकानों से अग्निशमन सिलेंडर लेकर मौके पर पहुंचे, लेकिन इससे आग पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका.आग से लाखों का सामान जलकर राख हो गया.
एक घंटे में पहुंची दमकल: आग लगने के तुरंत बाद दमकल विभाग को सूचित कर दिया गया था, लेकिन मौके तक दमकल की गाड़ी पहुंचने में 1 घंटे का समय लग गया. दरअसल, मुंदड़ी मोहल्ला काफी संकरा इलाका है. इस कारण छोटी दमकल को भी मौके तक पहुंचने काफी मुश्किल आई. पुलिस ने उसके लिए रास्ता साफ किया, तब जाकर वह गोदाम तक पहुंच पाई और आग पर काबू पाया.
रेग्जीन चमड़े और केमिकल के जलने से उठा धुंआ: आसपास के लोगों ने बताया कि गोदाम में केमिकल, रेग्जीन और चमड़े का रॉ मेटेरियल था. इस कारण आग लगते ही यह धधक उठा. इसमें धुंआ उठने लगा. आग पर काबू पा रहे लोगों की आंखों में जलन होने लगी. उसके बाद जब दमकल पहुंची, तब तक सीढ़ियों पर चढ़कर खिड़की से पानी गोदाम में भीतर छोड़ा गया. इस दौरान भी काफी धुआं निकला.
रिहायशी क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियां: स्थानीय लोगों ने बताया कि मुंदड़ी मोहल्ले में धीरे धीरे अच्छी खासी संख्या में दुकानें और गोदाम बन गए. यहां दर्जनों बड़े गोदाम है. विभिन्न उत्पादों के थोक व्यापारी भी क्षेत्र में है. इसकी गली इतनी संकरी है कि दुपहिया वाहन को भी संघर्ष करना पड़ता है. क्षेत्र में इससे पहले भी जूते चप्पल के गोदाम में आग लग चुकी है. उस दौरान भी नगर निगम की ओर से क्षेत्र में व्यावसायिक निर्माण की स्वीकृति नहीं देने के बड़े-बड़े दावे किए गए थे, लेकिन हालात जस के तस हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published.