नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा है कि क्या देशभक्त होना इतना कठिन है? खुर्शीद ने सोशल मीडिया पर यह पीड़ा ऐसे वक्त में साझा की है, जब वह आतंकवाद के खिलाफ भारत के उठाए कदम से अन्य देशों को अवगत करने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बने हुए हैं और विदेशों में जाकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की तारीफ कर रहे हैं। शशि थरूर के बाद सलमान खुर्शीद ऐसे दूसरे बड़े कांग्रेसी नेता हैं जो अपनी ही पार्टी के नेताओं के निशाने पर हैं।
खुर्शीद ने सोमवार को सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि यह दु:खद है कि देश में लोग उनकी राजनीतिक निष्ठा की गणना कर रहे हैं। उन्होंने पूछा कि जब आतंकवाद के खिलाफ अभियान चल रहा हो तो क्या देशभक्त होना इतना मुश्किल है? खुर्शीद ने बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे के माध्यम से आतंकवाद से निपटने के भारत की कोशिशों के बीच राजनीतिक विभाजन पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद पर अपने रुख को वैश्विक स्तर पर बताता है, जबकि देश में कुछ लोग एकता के बजाय उनकी राजनीतिक निष्ठाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
खुर्शीद ने क्या लिखा?
एक्स पर एक पोस्ट में सलमान खुर्शीद ने लिखा, “जब वह आतंकवाद के खिलाफ मिशन पर हैं और भारत के संदेश को दुनिया तक पहुंचाने में जुटे हुए हैं, तब यह दुखद है कि घर के लोग राजनीतिक निष्ठाओं की गणना कर रहे हैं। क्या देशभक्त होना इतना मुश्किल है?” इससे पहले रविवार को खुर्शीद ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के एकीकृत रुख पर प्रकाश डाला था और आतंकवाद के खात्मे के लिए विश्व समुदाय से सहयोग की अपील की थी। ताकि दुनिया भर में शांति और समृद्धि कायम हो सके।
क्या देशभक्त होना इतना कठिन है- थरूर के बाद कांग्रेसियों के निशाने पर आए सलमान खुर्शीद की पीड़ा

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