भरतपुर। जिले में राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम के नाम पर बड़ा फजीर्वाड़ा सामने आया है. जांच में खुलासा हुआ कि दवाइयों के नाम पर कार्डधारी नकद पैसा पैदा उठा रहे थे. जिला कलेक्टर की ओर से गठित कमेटी ने सरकारी पैसे की खुली लूट पकड़ी. कमेटी की रिपोर्ट के बाद 500 कार्ड तत्काल ब्लॉक कर दिए गए. योजना के दुरुपयोग में डॉक्टर से लेकर मेडिकल स्टोर तक की लिप्तता पाई गई. इस सिलसिले में एक चिकित्सक की गिरफ्तारी हो चुकी है. इससे घोटाले की और परतें खुलने की उम्मीद है.
ऐसे हुआ खुलासा: सीएमएचओ डॉ. गौरव कपूर ने बताया कि आरजीएचएस में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद जयपुर मुख्यालय से विशेष टीम भरतपुर आई. टीम ने यहां गहराई से जांच की तो योजना के क्रियान्वयन में गंभीर अनियमितताएं और फजीर्वाड़े के संकेत मिले. इसके बाद जिला कलेक्टर ने उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनाई. इस कमेटी ने आरजीएचएस कार्डधारकों के रिकॉर्ड, दवा वितरण विवरण और मेडिकल स्टोर्स के बिलों की बारीकी से जांच की.
जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए. करीब 500 कार्ड ऐसे पाए गए, जिनका दुरुपयोग किया जा रहा था. कार्डधारकों ने दवा लेने के नाम पर कैश उठाया. कई बार बिना उपचार या पर्ची के फर्जी बिल बनाकर भुगतान लिया गया. जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन ने तत्काल सभी 500 कार्ड ब्लॉक करा दिए. साथ ही मुख्यालय के निर्देश पर उन मेडिकल स्टोर्स और चिकित्सकों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई, जो घोटाले में लिप्त पाए गए. इसी कार्रवाई के तहत डॉ. मनीष गोयल को पुलिस ने गिरफ्तार किया.
दवा नहीं, पैसा उठा रहे थे लाभार्थी: सीएमएचओ डॉ. गौरव कपूर ने बताया कि योजना के तहत कुछ लाभार्थी और मेडिकल स्टोर्स की मिलीभगत से दवाओं की जगह नकदी उठाई जा रही थी. फर्जी बिल बना बिना दवा दिए भुगतान लिया जा रहा था. कुछ केस में दवाइयों की जगह घरेलू सामान या अन्य उत्पादों की खरीद भी की गई. यानी योजना की आड़ में स्वास्थ्य के नाम पर खुलेआम लूट मचाई जा रही थी.
फर्जी मोहर और दस्तावेज से जालसाजी: जांच में सामने आया कि इस घोटाले में सिर्फ लाभार्थी ही नहीं, बल्कि कुछ डॉक्टर और फार्मासिस्ट भी शामिल थे. कई मामलों में फर्जी मोहर, नकली हस्ताक्षरों और बनावटी पर्चियों के जरिए बिल तैयार किए गए. इन बिलों के आधार पर सरकारी खजाने से पैसा निकाला गया. यह संगठित जालसाजी की तरह सामने आया है, जिसमें कई स्तरों पर भ्रष्टाचार पसरा हुआ था.
डॉक्टर गिरफ्तार, मेडिकल स्टोर जांच के घेरे में: डॉ. गोयल ने बताया कि इस घोटाले में एक बड़ा नाम भी सामने आया है. हाल ही में डॉ. मनीष गोयल को गिरफ्तार किया गया. आरोप है कि गोयल ने कई फर्जी मरीजों के नाम पर दवाइयों के बिल पास करवाए. स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे कई मेडिकल स्टोर्स की जांच शुरू कर दी, जिन पर घोटाले में शामिल होने का संदेह है.
आरजीएचएस में फजीर्वाड़ा : 500 कार्ड ब्लॉक, दवाओं की जगह उठा रहे थे कैश

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