आपरेशन सिंदूर तरकश का सिर्फ एक तीर, आतंक का फन फिर उठा तो बिल से खींचकर कुचलेंगे : मोदी

आपरेशन सिंदूर तरकश का सिर्फ एक तीर, आतंक का फन फिर उठा तो बिल से खींचकर कुचलेंगे : मोदी

बिक्रमगंज (रोहतास) (वार्ता). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर बिहार की धरती से आतंकवादियों और उसके सरपरस्तों को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि ‘आपरेशन सिंदूर’ हमारे तरकश का सिर्फ एक तीर है, आतंक का फन फिर उठेगा तो बिल से खींचकर कुचलेंगे।
श्री मोदी ने शुक्रवार को रोहतास जिले के बिक्रमगंज में करीब 48 हजार करोड़ रुपये की परियाजनों का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ह्लदुश्मन जान ले कि ‘आपरेशन सिंदूर’ हमारे तरकश का सिर्फ एक तीर है। भारत की लड़ाई नहीं रुकी है और न थमी है। आतंक का फन अगर फिर उठेगा तो बिल से खींचकर कुचलेंगे। चाहे सीमा पार हो या फिर सीमा के अंदर हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राण जाए पर वचन ना जाए। यानी एक बार वचन दे दिया तो वो पूरा होकर ही रहता है। प्रभु राम की यह रीति, नए भारत की नीति बन गई है। बिहार की धरती से देश को वचन दिया था कि आतंकियों के ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा। बिहार की धरती पर मैंने कहा था, उन्हें कल्पना से भी बड़ी सजा होगी। आज जब मैं बिहार आया हूं तो अपने वचन पूरा करने के बाद आया हूं। हमारी सेना ने उनके ठिकानों को खंडहर में बदल दिया है।
श्री मोदी ने कहा कि भारत की बेटियों की सिंदूर की शक्ति क्या होती है यह पाकिस्तान ने भी देखा और दुनिया ने भी देखा। उन्होंने कहा, जिस पाकिस्तान सेना की क्षत्रछाया में आतंकी खुद को सुरक्षित मानते थे हमारी सेनाओं ने एक ही झटके में उनको भी घुटनों पर ला दिया। पकिस्तान के एयरबेस, उनके सैन्य ठिकाने हमने कुछ ही मिनट में तबाह कर दिए। यह नया भारत है, ये नए भारत की ताकत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी लड़ाई देश के हर दुश्मन से है फिर वह चाहे सीमा पार हो या देश के भीतर हो। बीते वर्षों में हमने हिंसा और अशांति फैलाने वालों का कैसे खात्मा किया है बिहार के लोग इसके साक्षी हैं। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद की समस्या के समाधान की दिशा में वर्ष 2014 के बाद उनकी सरकार ने तेजी से काम किया। उनकी सरकार ने माओवादियों को उनके किए की सजा देनी शुरू की, वहीं दूसरी ओर युवाओं को विकास की मुख्यधारा में भी लेकर आए।
श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार की ग्यारह सालों की दृढ़ प्रतिज्ञा का फल आज देश को मिलना शुरू हुआ है। वर्ष 2014 से पहले देश में सवा सौ से ज्यादा जिले नक्सल प्रभावित थे अब सिर्फ 18 जिले नक्सल प्रभावित बचे हैं। अब सरकार सड़क भी दे रही है और रोजगार भी दे रही है। वह दिन दूर नहीं जब माओवादी हिंसा का पूरी तरह से खात्मा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अब शांति, सुरक्षा, शिक्षा और विकास गांव गांव तक बिना रुकावट के पहुंचेंगे। जब सुरक्षा और शांति आती है तभी विकास के नए रास्ते खुलते हैं।

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