अजमेर. शहर पुलिस ने एक युवक के अपहरण की गुत्थी सुलझाते हुए उसे सकुशल छुड़ा लिया है और फिरौती मांगने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. यह मामला 26 मई का है जब रामगंज क्षेत्र में रहने वाले अक्षय लखानी का अपहरण उसके घर के बाहर से कर लिया गया था. युवक के परिजनों से आरोपियों ने 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी और फिरौती न देने पर जान से मारने की धमकी दी थी.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिटी हिमांशु जांगिड़ ने बताया कि रामगंज थाना क्षेत्र निवासी अजय नगर के चंद्रप्रकाश लखानी ने 27 मई को अपने बेटे अक्षय के अपहरण की शिकायत पुलिस में दर्ज करवाई थी. प्राथमिकी में उन्होंने देवेंद्र सिंह राजावत उर्फ देवसा और राजपाल सिंह राठौड़ पर अपहरण का आरोप लगाया. मामला सामने आने के बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (सिटी) हिमांशु जांगिड़ के नेतृत्व में कई टीमें गठित की गईं. पुलिस ने सबसे पहले अपहरण स्थल और आसपास के 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली. जांच के दौरान जयपुर हाईवे पर एक संदिग्ध कार दिखाई दी जिसमें आरोपी और अक्षय मौजूद थे. इसके बाद पुलिस ने हाईवे पर स्थित होटलों, ढाबों और पेट्रोल पंपों की भी गहन जांच की. इसी दौरान पुलिस को अहम सुराग मिले और उन्होंने युवक को आरोपियों के चंगुल से छुड़ाने में सफलता पाई.
दोस्ती के नाम पर रची गई साजिश: पूछताछ में खुलासा हुआ कि अपहरण की साजिश की जड़ें विदेश में हुई एक पुरानी जान-पहचान से जुड़ी थीं. अक्षय लखानी पूर्व में विदेश में कार्यरत था, जहां उसकी मुलाकात नीलेश माहेश्वरी से हुई थी. दोनों के बीच कुछ लेन-देन को लेकर विवाद हो गया था. इसके बाद अक्षय भारत लौट आया. नीलेश ने अपने दोस्त राजपाल सिंह राठौड़ को बताया कि अक्षय गबन करके अजमेर लौट आया है. दोस्ती निभाने के नाम पर राजपाल ने अक्षय से पैसे निकलवाने का वादा किया और उसे अगवा करने की योजना बनाई. राजपाल ने सुंदर नगर निवासी देवेंद्र सिंह राजावत उर्फ देवसा के साथ मिलकर अक्षय के अपहरण की साजिश रची. 26 मई को दोनों ने मिलकर अक्षय का अपहरण किया और उसके मोबाइल से उसके पिता को फोन कर 25 लाख की फिरौती मांगी. इसके बाद दोनों ने अपने मोबाइल फोन बंद कर दिए ताकि पुलिस उनकी लोकेशन ट्रेस न कर सके.
जयपुर बुलाकर मांगी फिरौती: पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि आरोपियों ने परिजनों को जयपुर बुलाकर फिरौती की रकम देने को कहा. इस काम के लिए आरोपी राजपाल ने अपने परिचित कमला नेहरू नगर, जयपुर निवासी जगत सिंह चौधरी को संपर्क किया. व्यस्तता के चलते जगत सिंह ने अपने भाई अनीश चौधरी को पैसे लेने भेजा. परिजनों को शक हुआ और उन्होंने अनीश को पकड़ लिया. पूछताछ में अनीश ने साफ किया कि उसे अपहरण या फिरौती की कोई जानकारी नहीं थी, वह केवल अपने भाई के कहने पर पैसे लेने आया था. इसी दौरान जब आरोपियों को भनक लगी कि परिजनों ने पुलिस को सूचना दे दी है, तो वे अक्षय को गाड़ी में इधर-उधर घुमाने लगे, लेकिन हाईवे पर तैनात पुलिस टीमों ने घेराबंदी कर अक्षय को सकुशल छुड़ा लिया और राजपाल सिंह राठौड़ को मौके से गिरफ्तार कर लिया.
मुख्य आरोपी देवसा अभी फरार: अजमेर पुलिस अब इस केस के दूसरे मुख्य आरोपी देवेंद्र सिंह राजावत उर्फ देवसा की तलाश में जुटी है. पुलिस की कई टीमें कुंदन नगर और आसपास के इलाकों में दबिश दे रही हैं. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु जांगिड़ ने बताया कि यह एक सुनियोजित साजिश थी, लेकिन त्वरित कार्रवाई और तकनीकी जांच के चलते पुलिस ने युवक को सुरक्षित बचा लिया और मुख्य साजिशकर्ता को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.
अपहरण कांड का पदार्फाश: अजमेर पुलिस ने युवक को सकुशल छुड़ाया, परिजनों से मांगी थी 25 लाख की फिरौती

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