राज्यपाल बोले-भारतीय संस्कृति की जड़ें गहरी, उसे मिटाना असंभव:दीक्षांत समारोह में 1824 विद्यार्थियों को दी गई डिग्रियां, 18 टॉपर्स को मिले गोल्ड मेडल

राज्यपाल बोले-भारतीय संस्कृति की जड़ें गहरी, उसे मिटाना असंभव:दीक्षांत समारोह में 1824 विद्यार्थियों को दी गई डिग्रियां, 18 टॉपर्स को मिले गोल्ड मेडल

जयपुर। अचरोल कैम्पस स्थित अपेक्स यूनिवर्सिटी में आयोजित तीसरे दीक्षांत समारोह में राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।
अचरोल कैम्पस स्थित अपेक्स यूनिवर्सिटी में आयोजित तीसरे दीक्षांत समारोह में राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। समारोह में राज्यपाल ने 18 टॉपर्स को गोल्ड मेडल प्रदान किए और 1824 विद्यार्थियों को विभिन्न संकायों में उपाधियां प्रदान की गईं।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि और शिक्षाविद्, समाजसेवी व ओडिशा के सांसद प्रो. अच्युत सामंत की उपस्थिति रही। दोनों विभूतियों को भारतीय संस्कृति और समाज सेवा में उनके अतुलनीय योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति की जड़ें बहुत गहरी हैं। उसे मिटाना असंभव है। जीवन में शारीरिक क्षमता के साथ-साथ बौद्धिक और नैतिक विकास भी आवश्यक है। उन्होंने अपेक्स यूनिवर्सिटी की शिक्षा के साथ संस्कार को जोड़ने की पहल की सराहना की।
स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा- उपाधि पाना जीवन की मंजिल नहीं, यह समाज और राष्ट्र की सेवा का माध्यम बननी चाहिए। सेवा, समर्पण और सद्भाव ही जीवन के सर्वोच्च मूल्य हैं। उन्होंने यह भी कहा- जो उपाधि उन्हें मिली है, वह संपूर्ण भारतीय संस्कृति और संत परंपरा को समर्पित है।
प्रो. अच्युत सामंत ने अपने वक्तव्य में कहा कि अच्छा इंसान बनना ही सबसे बड़ा कार्य है। जब तक इंसानियत जीवित है, तब तक समाज और देश का विकास संभव है।
स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि उपाधि पाना जीवन की मंजिल नहीं, यह समाज और राष्ट्र की सेवा का माध्यम बननी चाहिए।
स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि उपाधि पाना जीवन की मंजिल नहीं, यह समाज और राष्ट्र की सेवा का माध्यम बननी चाहिए।
दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन डॉ. रवि जूनीवाल ने की। उन्होंने नव-स्नातकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डिग्री की प्राप्ति कोई अंत नहीं, बल्कि एक नई यात्रा का आरंभ है, जिसमें असली जिम्मेदारियां और अवसर सामने आते हैं।
समारोह की शुरूआत प्रशासनिक भवन से दीक्षांत परेड के साथ हुई, जिसमें राष्ट्रगान और विश्वविद्यालय कुलगीत का गायन हुआ। स्नातकों ने पारंपरिक भारतीय वेशभूषा में भाग लेकर समारोह को विशेष रंग दिया।
समारोह में यूनिवर्सिटी के बोर्ड आॅफ मैनेजमेंट, अकादमिक काउंसिल के सदस्यगण, शिक्षाविद्, अभिभावक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
समारोह में यूनिवर्सिटी के बोर्ड आॅफ मैनेजमेंट, अकादमिक काउंसिल के सदस्यगण, शिक्षाविद्, अभिभावक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
संजय शिक्षा समिति के सचिव मनोज जूनीवाल ने अतिथियों का स्वागत किया, कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशु ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, जबकि रजिस्ट्रार डॉ. पंकज शर्मा ने समारोह का संचालन और आभार ज्ञापन किया। समारोह में यूनिवर्सिटी के बोर्ड आॅफ मैनेजमेंट, अकादमिक काउंसिल के सदस्यगण, शिक्षाविद्, अभिभावक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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