भाखड़ा नहर में छोड़ा पानी 1200 क्यूसेक पानी:किसानों को राहत, नरमा की बिजाई कर सकेंगे, जून में सिंचाई पानी का निर्धारण 30 को

भाखड़ा नहर में छोड़ा पानी 1200 क्यूसेक पानी:किसानों को राहत, नरमा की बिजाई कर सकेंगे, जून में सिंचाई पानी का निर्धारण 30 को

श्रीगंगानगर। हरिके बैराज से इंदिरा गांधी नहर परियोजना में पानी की आवक बढ़ गई है। बैराज से 8100 क्यूसेक पानी मिलना शुरू हो गया है। इसमें से 1200 क्यूसेक पानी लोहगढ़ हेड से भाखड़ा प्रणाली में छोड़ा गया। भाखड़ा में सिंचाई पानी का रेगुलेशन घोषित कर दिया गया है। अब किसानों को हर सप्ताह के अंतराल पर पानी मिलेगा।
आईजीएनपी में पेयजल भंडारण अब पूरा किया जा रहा है। 12 जिलों के करीब 2 करोड़ लोगों के लिए पर्याप्त पेयजल स्टोरेज के बाद ही सिंचाई पानी का वरीयता क्रम तय होगा। विभागीय अधिकारियों के अनुसार अंतिम छोर तक पेयजल पहुंचने के बाद ही सिंचाई पानी का रेगुलेशन घोषित किया जाएगा।
प्रथम चरण की नहरों में क्षमता से कम पानी चलाकर भंडारण किया जा रहा है। एनडीआर में 200 क्यूसेक, रावतसर जांच में 300, सूरतगढ़ जांच में 850, नोरावरपुरा में 20, खेतेनाली वितरिका में 5, साहया लिफ्ट में 80, अनूपगढ़ रखा में 1200 और कंवरसेन लिफ्ट में 250 क्यूसेक पानी चलाया गया।
किसान नरमा की बिजाई कर सकेंगे
भाखड़ा प्रणाली में सिंचाई पानी की आपूर्ति शुरू हो गई है। इससे किसान नरमा की बिजाई कर सकेंगे। नरमा की बिजाई का उपयुक्त समय 30 मई तक माना जाता है। किसान जून के पहले पखवाड़े तक भी बिजाई करते हैं। अगर जून के पहले सप्ताह में ही सिंचाई पानी मिल गया तो बिजाई संभव हो सकेगी। वहीं नरमे की पहले बिजाई हो चुकी है। इसके लिए यह पानी अब वरदान साबित होगा।
आईजीएनपी के लिए 21 से 31 मई तक 7750 क्यूसेक पानी तय किया गया है। हरिके बैराज से 8100 क्यूसेक पानी मिल रहा था। इसमें से 1200 क्यूसेक भाखड़ा प्रणाली को दिया जा रहा है। शेष पानी रेगुलेशन के लिहाज से कम है। इसलिए विभाग अंतिम छोर तक नहरों में पानी चलाकर पेयजल भंडारण करवा रहा है। भंडारण पूरा होने के बाद सिंचाई पानी का रेगुलेशन घोषित किया जाएगा।
जून में सिंचाई पानी का निर्धारण 30 को
विभागीय अधिकारियों के अनुसार 7750 क्यूसेक पानी से प्रथम चरण की तीन में से एक ग्रुप की नहरें चलाई जा सकती हैं। 30 मई को भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड की तकनीकी समिति की बैठक होगी। इसमें जून माह के लिए पानी का निर्धारण किया जाएगा। सिंचाई पानी का वरीयता क्रम इसी बैठक के बाद तय होगा। इंदिरा गांधी नहर परियोजना में 20 अप्रैल से 20 मई तक 30 दिन का क्लोजर प्रस्तावित था। बॉर्डर पर तनाव के कारण 9 दिन पहले ही बंदी खत्म कर दी गई। 11 मई को हरिके बैराज से पानी की आपूर्ति शुरू कर दी गई। शुरूआत में 5 हजार क्यूसेक की मांग की गई थी, लेकिन आपूर्ति इससे कम रही।
भाखड़ा बांध में इन दिनों पानी की आवक अच्छी हो रही है। जल स्तर 1559.53 फीट दर्ज किया गया। डैम में 20679 क्यूसेक पानी की आवक और 20607 क्यूसेक निकासी हो रही थी। पोंग बांध में पानी की आवक स्थिर बनी हुई है। जल स्तर 1293.6 फीट रहा। आवक 2786 क्यूसेक और निकासी 2907 क्यूसेक दर्ज की गई।

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