सीमा सन्देश # श्रीगंगानगर। सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान रिन्यूएबल एनर्जी कॉर्पोरेशन लिमिटेड की ओर से जिले के सभी सरकारी कार्यालयों पर सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। इसके लिए आरआरईसीएल ने पिछले दिनों टेंडर जारी कर नेगोशिएसन के बाद सोलर प्लांट लगाने के लिए कई फर्मों को वर्क आॅर्डर जारी किए हैं। आरआरईसीएल द्वारा इन्हे लगाने वाली संबंधित फर्माें को 25 साल के लिए प्लॉट के आॅपरेशन और मेंटनेंस की जिम्मेदारी भी दी है। सोलर प्लांट लगाने के लिए निविदा में भाग लेने वाली फर्म के लिए कम से कम एक किलोवॉट सोलर प्लांट लगाने का अनुभाव अनिवार्य किया गया था। जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड अधिकारियों से मिली जानकारी अनुसार सरकारी भवनों में खर्च होने वाली बिजली और इसके एवज में होने वाले भुगतान सहित सभी जानकारी आरआरईसीएल स्तर पर पहले ही मांग ली गई थी। इसी डाटा बेस के आधार पर एक हजार मेगावाट के सोलर प्लांट लगाने के लिए निविदा प्रक्रिया 29 जुलाई से 4 सितम्बर 2024 जारी कि गई। इसे एक बार बढ़ाया भी गया था। डिस्कॉम अधिकारियों के अनुसार इन प्लांट से बिजली की बड़ी मांग पूरी होगी। आरआरईसीएल अधिकारियों के अनुसार सरकारी बिल्डिंगों पर सोलर पैनल के लिए टेंडर को छोटे छोटे टुकड़ों में दिया है। ताकि काम जल्दी हो सके। उल्लेखनीय है प्रदेश भर के सरकारी भवनों से 1 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखते हुए प्लांट लगाए जाएंगे।
संभाग में सरकारी भवनों पर 169 मेगावाट के प्लांट
सरकारी कार्यालयों में अक्षय उर्जा के तहत सरकारी कार्यालयों पर सोलर प्लांट लगाने के लिए आरआरसीईएल की ओर से तीन वेंडर अधिकृत किए गए हैं। इनमें से एक फर्म के कार्मिक ने पिछले दिनों नगरपरिषद पहुंचकर यहां का सर्वे भी पूरा कर चुकी है। कम्पनी प्रतिनिधि के अनुसार उनकी फर्म को 7 मेगावाट प्लांट लगाने के लिए वर्क आॅर्डर जारी किए गए है। शेष के लिए दो अन्य फर्मों को। जिले में 30 से 35 मेगावाट का प्लांट लगाया जाना है। जानकारी अनुसार संभाग के सरकारी कार्यालयों में बिजली खपत के मामले में बीकानेर जिला सबसे आगे है। यहां 54 मेगवाट का प्लांट लगेगा। चुरू में 51 और हनुमानगढ़ में 29 मेगावाट के प्लांट स्थापित किए जाने है। इसके अलावा जोधपुर डिस्कॉम के 10 जिलो में सबसे अधिक जोधपुर में 158 मेगावाट का प्लांट लगाया जाएंगे। जालोर में 35, बाड़मेर में 57 ,पाली में 56, जैसलमेंर में 26, सिरोही में 29 मेगावाट के प्लांट लगाए जाएंगे। इनके लिए भी कार्य आदेश जारी हो चुके हैं।
आम उपभोक्ता को भी मिलेगी राहत
सरकारी कार्यालयों पर सोलर प्लांट लगाने से दिन के समय इन कार्यालयों की डिस्कॉम की बिजली पर निर्भरता कम होगी। इससे डिस्कॉम के पास अतिरिक्त बिजली उपलब्ध रहेगी। इससे उपभोक्ताओं को अधिक लोड के समय गुणवत्तापूर्ण बिजली मिल सकेगी। आम तौर बिजली के एवज में सरकारी कार्यालयों का बिजजी बिल के एवज मे करोड़ा का बकाया रहता है। डिस्कॉम की यह समस्या भी लगभग समाप्त हो जाएगी। इसके अलावा सोलर प्लांट लगाने से सरकारी कार्यालयों को बिजली के बिल में काफी कमी देखने को मिलेगी। बिजली बचने पर वह डिस्कॉम को भी बिजली मुहैया करवा सकेंगे। इससे सरकार और आम उपभोक्ता दोनों को लाभ मिलेगा।
देखकर पूरी जानकारी दे पाऊंगा
श्रीगंगानगर जिले में तीन वेंडर को वर्क आॅर्डर जारी किए है। यह कौन कौन से है इसकी पूरी जानकारी देखकर की दे पाऊंगा। – दीपक दत्त रावल,नोडल अधिकारी
जिले के सरकारी कार्यालय पर होगा 35 मेगावाट बिजली का उत्पादन

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