- एफआईआर दर्ज नहीं की
सीमा सन्देश # बीकानेर। पूगल तहसील के करणीसर भाटियान में सोलर कंपनी को लीज पर दी गई जमीन पर 179 खेजड़ी के पेड़ काटने की रिपोर्ट कार्यवाही के लिए तहसीलदार ने पुलिस थाने भेजी थी, लेकिन इसका मुकदमा ही दर्ज नहीं किया गया। शुक्रवार को पर्यावरण प्रेमियों ने एएसपी से मिलकर गुहार लगाई है। पूगल तहसील के करणीसर भाटियान में दिल्ली की मैसर्स देशराज सोलर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने जमीन लीज पर ली है। उसी जमीन पर खेड़जी के 200 पेड़ काटने की शिकायत पर पटवारी ने गुरुवार को जांच की।
मौके पर नौ काश्तकारों की जमीन पर खेजड़ी वृक्षों के 179 डंठल मिले। पटवारी ने रिपोर्ट पूगल तहसीलदार अशोक पारीक को सौंप दी। तहसीलदार ने पूगल पुलिस थाने को कार्यवाही करने के लिए पत्र लिख दिया, लेकिन इसे लेकर थाने में कोई मुकदमा दर्ज नहीं हो पाया है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में एसीसी स्तर पर ही कार्यवाही हो रही है, जबकि तहसीलदार को इस जानकारी से अनभिज्ञता जाहिर की है। परेशान होकर पर्यावरण प्रेमियों ने शुक्रवार को जीव रक्षा संस्था के अध्यक्ष मोखराम बिश्नोई के साथ एएसपी से मुलाकात की।
उन्होंने राज्य वृक्ष खेजड़ी की कटाई करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। हालांकि रात तक इस संबंध में कोई मुकदमा पूगल थाने में दर्ज नहीं हो पाया था। जिले में राज्य वृक्ष खेजड़ी की अंधाधुंध बलि दी जा रही है। लाखूसर, राजासर, केला, कालासर ओर नोखा दहिया में कमांड भूमि पर खेजड़ी के पेड़ काटकर हरियाली को रौंदा जा रहा है। प्रशासन चुप्पी साधे हुए है। बिश्नोई समाज ओर पर्यावरण प्रेमी आंदोलित हो रहे हैं।
एफआईआर करने का कानूनी प्रावधान है
राज्य वृक्ष खेजड़ी के कटान का धारा 173 में पुलिस को मुकदमा दर्ज करना चाहिए। वर्ना 175/ 3 में कोर्ट में भी परिवाद दिया जा सकता है। वन अधिनियम की धारा 41, 42 का अपराध बनता है। वन विभाग भी मुकदमा दर्ज कर सकता है। निरीक्षण के आधार पर एफआई दर्ज की जा सकती है, लेकिन सोलर कंपनियों दबाव के कारण तहसीलदार, पुलिस और वन विभाग तीनों ने ही कार्यवाही नहीं करने के बहाने बना रखे हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में पेड़ को मानव हत्या माना है।
करणीसर में 179 खेजड़ी काटे, तहसीलदार ने पुलिस को दी रिपोर्ट

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