चंडीगढ़ (वार्ता)। पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री, एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने सोमवार को घोषणा की कि राज्य के कराधान विभाग के जांच शाखाओं ने 1549 करोड़ रुपए के बोगस बिलिंग या कागजी लेनदेन का पता लगाया है और चालू वित्त वर्ष में 108.79 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) दावों को सफलतापूर्वक ब्लॉक कर दिया है।
चीमा ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य के कराधान विभाग द्वारा की गई प्रवर्तन कार्रवाइयों का विवरण दिया। उन्होंने बताया कि विभाग ने लुधियाना में सोने के लेनदेन में 900 करोड़ रुपए के नकली चालानों का भंडाफोड़ करके 21 करोड़ रुपए का आईटीसी ब्लॉक कर दिया है। इसके अतिरिक्त, मोहाली, खरड़ और कोट कपूरा में कोयला लेनदेन में 226 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी वाले चालानों का पता चलने के बाद 12 करोड़ रुपए का आईटीसी ब्लॉक कर दिया गया। आगे की प्रवर्तन कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप लुधियाना और मंडी गोबिंदगढ़ में कुल 423 करोड़ रुपए के बोगस लेनदेन का पदार्फाश करके 75.79 करोड़ रुपए का आईटीसी ब्लॉक किया गया। एक अन्य बड़ी जब्ती में, अधिकारियों ने रांची से लुधियाना जा रहे एक वाहन को रोका, जिसमें बिना चालान के दो किलो सोना था, और इस मामले की जांच वर्तमान में जारी है।
इन प्रवर्तन कार्रवाइयों के महत्व पर जोर देते हुए, वित्त मंत्री ने 19 मई को किए गए ऐतिहासिक राज्यव्यापी अभियान पर प्रकाश डाला। इस अभियान के तहत, 195 जीएसटी-पंजीकृत फर्मों, जिनमें 156 केंद्र-पंजीकृत फर्म और 39 राज्य-पंजीकृत फर्म शामिल हैं, का भौतिक सत्यापन किया गया, जिसमें 423 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी वाले कागजी लेनदेन का पता चला और 75.79 करोड़ रुपए का आईटीसी ब्लॉक किया गया। अधिकांश संलिप्त फर्म लुधियाना (100 फर्म) और मंडी गोबिंदगढ़ (72 फर्म) में स्थित थीं।
जीएसटी व्यवस्था के तहत पंजाब की महत्वपूर्ण प्रवर्तन कार्रवाइयों पर प्रकाश डालते हुए, वित्त मंत्री ने बताया कि विभाग ने उल्लेखनीय गिरफ्तारियां की हैं, जिसमें एक हाई-प्रोफाइल मामला भी शामिल है, जहां एक व्यक्ति को 29.50 करोड़ रुपए के नकली चालान और धोखाधड़ी वाले आईटीसी दावों के रैकेट का मास्टरमाइंड होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। उक्त फर्म ने वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 में 60 से अधिक बोगस और रद्द फर्मों से 163 करोड़ रुपए की आवक आपूर्ति की थी।
वित्त मंत्री चीमा ने इन प्रवर्तन अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए विभाग को आईआईटी हैदराबाद के साथ हुए समझौते के तहत विकसित किए गए 15 मॉड्यूल और ‘बिल लाओ इनाम पाओ’ योजना से मिले महत्वपूर्ण इनपुट का श्रेय दिया। उन्होंने घोषणा की कि ऐसे सात और मॉड्यूल जल्द ही सक्रिय किए जाएंगे। अब तक, 4880 उपभोक्ताओं ने ‘मेरा बिल’ ऐप पर अपने खरीद बिल अपलोड करके सामूहिक रूप से 2,89,15,295 रुपए जीते हैं। इस बीच, जीएसटी अधिनियमों के तहत जमा किए गए बिलों में पाई गई विसंगतियों के कारण कुल 9,07,06,102 रुपए का जुर्माना लगाया गया है और 7,20,92,230 रुपए की सफलतापूर्वक वसूली की गई है।
पंजाब में 1,549 करोड़ रुपये के फर्जी लेन-देन का भंडाफोड़ : हरपाल चीमा

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