पेयजल के आपूर्ति के लिए सात ओवरहैड टेंक , इसमें 4 बने शोपीस, नतीजा पटरी से उतरी पानी की सप्लाई

पेयजल के आपूर्ति के लिए सात ओवरहैड टेंक , इसमें 4 बने शोपीस, नतीजा पटरी से उतरी पानी की सप्लाई

सीमा सन्देश # घड़साना
कस्बे में वाटरवर्क्स की स्थिति दयनीय है। उपभोक्ताओं को कभी 60 से 72 घंटो बाद एक बार तो कभी इससे अधिक समय बाद पानी आपूर्ति कि जा रही है। ऐसे में गर्मी के कारण कस्बे में पेयजल किल्लत बनी हुई है। इसके बावजूद अधिकारियों को परवाह नहीं है कि आम व्यक्ति को पीने का पानी मिल रहा है अथवा नहीं।
आलम यह है कि सहायक अभियंता अपने कार्यालय पर आमजन से नहीं मिलते। जब भी कोई उनके पास कोई समस्या लेकर जाता है तो बताया जाता कि साहब साइट पर है। नईमंडी घड़साना में करोड़ों रुपए की पेयजल योजना स्वीकृत होने के दौरान चौबीस घंटे बाद हर नागरिक के घर पानी आपूर्ति करने की घोषणा का ढिंढोरा पीटने वाले विभाग के अधिकारी अब मौन है। जानकारी अनुसार नगर में वाटरवर्क्स से सुचारू पानी देने के लिए विभाग ने लाखों रूपए खर्च कर ओवरटेंको का निर्माण करवाया गया है। अलग-अलग स्थानों पर बने सात में से चार ओवरहैडटेंक तो शो-पीस बने हुए है।
पाइप लाइनें बिछाई, लेकिन मिलान नहीं
वाटरवर्क्स अधीन 4 एसटीआर, 1 एसटीआर की आबादी में पेयजल के लिए लाखों रूपए खर्च कर लाइने बिछा रखी है। चक 1 एसटीआरज में बिछाई पेयजल पाइप लाइन का अरसे से मिलान ही नहीं किया। पाइप लाइन का मिलान नहीं होने के कारण ग्रामीणों को एक बूंद स्वच्छ पानी नहीं मिल रहा है। इस चक के एक छोर में नहर चलने के कारण ग्रामीण सीधे नहर से पानी भण्डारण कर रहे हैं। मेहताब कॉलोनी में पाइप लाइन बिछाने के बावजूद घरों में पानी नहीं पहुंच रहा है। गर्मी के दिनों में लोग पांच सौ रुपए देकर टेंकरों से पानी मंगाने पर मजबूर हैं। चक 4 एसटीआर आबादी तथा कालोनियों में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ओवरहैड टैंक निर्माण के लिए निजी महाविद्यालय संचालकों ने भूमि दान कि थी। टैंक निर्माण परपच्चीस लाख रूपए से अधिक धन राशि खर्च हुई फिर भी लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। पानी भंडारण नहीं होने की स्थिति के चलते ओवरटेंक क्षतिग्रस्त होकर नकारा हो रहा है।
करोड़ों की गड़बड़ी
जल जीवन मिशन योजनाओं के माध्यम से करोड़ों रुपए की गडबड़ हुई है। विभाग के अधिकारी ठेकेदारों के काम तो समय पर करने पर लालायित रहते है। पर जनता पेयजल के लिए त्राहि-त्राहि करे तो कोई असर नहीं हो रहा है। सहायक अभियंता तो सीट पर कम, फील्ड में ज्यादा रहते है। उपखंड क्षेत्र में रावला घड़साना/कास्बों सहित ग्रामीण क्षेत्र की सौ से अधिक पेयजल योजनाओं में आमजन को पानी पहुंचाने के लिए करोड़ों रूपए का बजट लग रहा है। अधिकतम योजनाओं से ग्रामीणों की पेयजल समस्या का समाधान नहीं हुआ। – लालचंद मेघवाल आरटीआई कार्यकर्ता, घड़साना।
नहीं है कोई धणी धोरी
कस्बे में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है। विभाग का कोई धणी धोरी नहीं है। जनता की शिकायत मिलने पर सहायक अभियंता कार्यालय जाते है तो अधिकारी सदैव फील्ड में होने की जानकारी मिलती है। पेयजल समस्या समाधान के लिए प्रशासन जलदाय विभाग के अधिकारियों को कार्यालय में उपस्थित रहने के लिए पाबंद किया जाना आवश्यक है। – दलीप सिंह चौटिया, अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी घड़साना।
42 जोन बना रखे
विभाग ने कस्बे में पेयजल वितरण के लिए 42 जोन बना रखे है। रोस्टर मुताबिक पानी वितरण किया जा रहा है। सात में तीन ओवरटेंक काम में लिए जा रहे हैं। दो ओवरटेंक नये बने हुए है। योजना की पाइपलाइनों को जोड़ने तथा अन्य कार्य शेष होने के कारण काम में नहीं लिए गए है। – प्रियंका दोहरे, कनिष्ठ अभियंता, पीएचईडी घड़साना।

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