अनूपगढ़. अनूपगढ़ के वार्ड नंबर 28 में स्थित भौमिक सिटी में महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर 101 व्यक्तियों के द्वारा सामूहिक रूप से रुद्राभिषेक किया गया। रुद्राभिषेक के दौरान पूरा पंडाल बम बम भोले के नारे से गूंज उठा। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर राजस्थान के विभिन्न स्थानों से पहुंचे आचार्यों के द्वारा 101 व्यक्तियों को सामूहिक रुद्राभिषेक करवाया गया।
आयोजक मनोज जोशी ने बताया कि प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी महाशिवरात्रि का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। भौमिक सिटी में शनिवार शाम 6 बजे से लेकर रविवार सुबह 6 बजे तक रुद्राभिषेक कार्यक्रम आयोजित किया गया। भौमिक सिटी में आयोजित कार्यक्रम में रुद्राभिषेक के दौरान आचार्यों के द्वारा विशेष मंत्रों का उच्चारण किया गया।

महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा है आवश्यक
आचार्य घनश्याम शास्त्री ने बताया कि महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा में सबसे जरूरी है। विधि विधान से चार प्रहर का रुद्राभिषेक करना चाहिए। उन्होंने बताया कि पहले प्रहर में दूध से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए, इसके बाद दूसरे प्रहर में दही से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। तीसरे पहर में शिवलिंग का घी से अभिषेक करना चाहिए और चौथे प्रहर में शिवलिंग का शहद से अभिषेक करना चाहिए। उन्होंने बताया कि विधि विधान से रुद्राभिषेक करने पर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

आयोजक मनोज जोशी ने बताया कि प्रतिवर्ष भौमिक सिटी में महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर रुद्राभिषेक का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, जिसमें शहर के श्रद्धालु भाग लेते हैं। उन्होंने बताया कि शनिवार रात्रि आयोजित कार्यक्रम में आचार्य घनश्याम शास्त्री, पंडित प्रेम पंचारिया बेदू, पंडित बालकृष्ण, पंडित विक्रम सहित अन्य विद्वानों ने रुद्राभिषेक कार्यक्रम का सफल आयोजन करवाया है।
रुद्राभिषेक का महत्व
आचार्य ने रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव हर मनोकामना पूरी करते हैं। साथ ही इससे ग्रह जनित दोष, रोग, कष्ट और पाप से मुक्ति मिलती है। शिवपुराण में भी रुद्राभिषेक की महिमा का वर्णन किया गया है। यदि कोई मनोकामना हो तो सच्चे मन से रुद्राभिषेक करके देखें, निश्चित रूप से लाभ की प्राप्ति होगी।