बड़ी संख्या में पेड़, होर्डिंग्स, शैड़ गिरने से रास्ते हुए जाम
सीमा सन्देश#सूरतगढ़। शनिवार रात अचानक बदले मौसम के मिजाज ने सूरतगढ़ क्षेत्र में भारी तबाही मचा दी। करीब 50 किमी प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से आए तेज अंधड़ और धूलभरी हवाओं ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। आसमान में अंधेरा छा गया और पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। इस तूफान से सबसे बड़ा नुकसान विद्युत तंत्र को हुआ, जिससे करीब पांच दर्जन से अधिक गांवों में बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई। सूरतगढ़ में शनिवार रात आए तूफान ने क्षेत्र में भारी नुकसान पहुंचाया है। प्रशासन और विद्युत विभाग की टीमें लगातार बहाली के प्रयासों में लगी हुई हैं। उम्मीद है कि सोमवार तक जनजीवन सामान्य हो जाएगा, लेकिन इस प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर ग्रामीण बुनियादी ढांचे की कमजोरियों को उजागर कर दिया है।
सैकड़ों विद्युत पोल और ट्रांसफॉर्मर धराशायी
सूरतगढ़ विद्युत सर्किल में तेज हवाओं के कारण सैकड़ों विद्युत पोल और ट्रांसफॉर्मर क्षतिग्रस्त हो गए। कई स्थानों पर मुख्य बिजली लाइनें टूट गईं, जिससे 60 से ज्यादा गांवों में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से रुक गई। सहायक अभियंता (शहरी) वरुण भुवालं ने बताया कि शहर क्षेत्र में नुकसान सीमित रहा, जहां मात्र 4 पोल क्षतिग्रस्त हुए। वहीं ग्रामीण इलाकों में 70 से 80 पोल और ट्रांसफॉर्मर गिर गए हैं।
ग्रामीण क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित
सहायक अभियंता (ग्रामीण) चंद्रशेखर ओझा ने जानकारी दी कि सूरतगढ़ ग्रामीण क्षेत्र में 214 पोल और एक दर्जन ट्रांसफॉर्मर क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा टावर की लाइनों को भी नुकसान पहुंचा है, जिससे आपूर्ति ठप हो गई। निगम की टीमें दिन-रात मरम्मत कार्य में लगी हुई हैं और अधिकांश गांवों में आपूर्ति बहाल कर दी गई है, लेकिन अभी भी 42 गांवों में बिजली बहाली का काम जारी है।
बीरमाना उपखंड में भी भारी नुकसान
बीरमाना क्षेत्र भी तूफान से अछूता नहीं रहा। यहां करीब 130 विद्युत पोल और 30 ट्रांसफॉर्मर धराशायी हो गए, जिससे 15 गांवों में अभी तक विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है। चंद्रशेखर ओझा ने बताया कि निगम की अतिरिक्त टीमें लगातार युद्धस्तर पर बहाली के प्रयास कर रही हैं, लेकिन बड़े पैमाने पर हुए नुकसान के कारण काम में समय लग रहा है।
भीषण गर्मी में बिजली गुल, ग्रामीणों की दोहरी मार
तूफान के कारण बिजली गुल होने से भीषण गर्मी में ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बिजली नहीं होने से जलापूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है, जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। अधिकारियों का कहना है कि यदि दोबारा तूफान नहीं आया, तो सोमवार तक सभी प्रभावित गांवों में आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी।
सड़कों पर पेड़ गिरे, घरों की छतें उड़ीं
तेज आंधी से सिर्फ बिजली तंत्र ही नहीं, बल्कि पर्यावरण और जनसुविधाएं भी प्रभावित हुई हैं। बड़ी संख्या में पेड़ जड़ से उखड़ गए, जिससे कई सड़कों पर आवागमन बाधित हो गया। कई घरों की छतों पर लगे टीन उड़ गए, वहीं होर्डिंग्स और अस्थाई निर्माण भी ढह गए। खेतों और घरों में लगी सोलर प्लेटें भी टूट गईं। तहसील कार्यालय में लगा एक विशाल पेड़ भी गिर गया, जिससे परिसर को नुकसान हुआ।
गृहणियों की पीड़ा : एक दिन सिर्फ सफाई में बीता
शनिवार रात आए तेज तूफान ने सिर्फ बाहरी जनजीवन को ही नहीं, बल्कि घरों के भीतर की शांति को भी तहस-नहस कर दिया। पूरे शहर में धूल और मिट्टी की परतें जम गईं। रविवार, जो आमतौर पर आराम का दिन होता है, इस बार सफाई की भेंट चढ़ गया। खासकर गृहणियों के लिए यह दिन अत्यंत कठिन रहा। पंखे, फर्नीचर, दीवारें, खिड़कियां और छतों तक हर जगह धूल की मोटी परत जम गई थी। इससे पूरा दिन घर की सफाई में निकल गया। महिलाओं ने बताया कि बार-बार पोछा लगाने के बावजूद धूल साफ नहीं हो रही थी। बिजली की गैरहाजिरी ने भी इस कार्य को और अधिक कठिन बना दिया।
सूरतगढ़ में तूफान ने मचाई भारी तबाही, 60 से ज्यादा गांवों में विद्युत आपूर्ति ठप

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