सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच मुख्य सचिव ने लिया तैयारियों का जायजा, नागरिक सुरक्षा सिस्टम को मुस्तैद रहने के निर्देश

सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच मुख्य सचिव ने लिया तैयारियों का जायजा, नागरिक सुरक्षा सिस्टम को मुस्तैद रहने के निर्देश

जयपुर. पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के हालातों के बीच सरकार ने अपना पूरा फोकस सीमावर्ती जिले जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर जिलों पर कर दिया है. पाकिस्तान के साथ सबसे लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा भी राजस्थान की है, ऐसे में यहां विशेष निगरानी और चौकस रखते हुए सरकार ने सीमावर्ती जिलों के प्रभारी मंत्रियों को जिलों में भेजा है और तमाम तरह तैयारी करने के निर्देश दिए हैं. वहीं मुख्य सचिव सुधांश पंत भी लगातार आपातकालीन स्थितियों और आपदा प्रबंधन की तैयारियों को लेकर लगातार बैठक ले रहे हैं. शनिवार को अवकाश के दिन भी मुख्य सचिव ने सचिवालय में गृह, चिकित्सा, आपदा प्रबंधन और इंटेलिजेंस विभाग के प्रमुख अधिकारियों की बैठक लेकर सिविल डिफेंस तैयारियों की समीक्षा की.
बैठक में गृह विभाग के एसीएस आनंद कुमार, डीजीपी इंटेलिजेंस संजय अग्रवाल, एडीजी सिविल राइट्स मालिनी अग्रवाल और चिकित्सा सचिव गायत्री राठौड़ भी मौजूद रहे. इस दौरान मुख्य सचिव ने नागरिक सुरक्षा सिस्टम को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि किसी भी संभावित परिस्थितियों के मद्देनजर अभी से ही तैयारी रखना जरूरी है, इसके लिए होमगार्ड, अग्निशमन सेवाएं सिविल डिफेंस और आपदा प्रबंधन के अधिकारी- कर्मचारियों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है.
मुख्य सचिव ने बैठक में कहा कि संभावित हवाई हमले के मद्देनजर ब्लैकआउट, भवनों में आग की घटनाओं, तलाशी, बचाव कार्य और घायलों को बाहर निकलना जैसे अभ्यास कार्य लगातार होते रहना चाहिए जिससे कि आमजन को भी इसका अभ्यास हो जाए. मुख्य सचिव ने कहा कि सभी विभागों को सामूहिक रूप से यह जिम्मेदारी निभानी होगी. उन्होंने इंटेलिजेंस को भी सीमावर्ती जिलों में ज्यादा सक्रिय रहने के निर्देश दिए और कहा कि बॉर्डर के इलाके के ग्रामीण इलाकों में रहकर वहां की गतिविधियों की खबर तुरंत अपने उच्चाधिकारियों को दें.
नागरिक सुरक्षा निदेशक ने दिया प्रेजेंटेशन : बैठक में नागरिक सुरक्षा निदेशक जगदीश सिंह मोगा ने बचाव और अन्य गतिविधियों को लेकर प्रेजेंटेशन दिया और बताया कि विभाग की ओर से लगातार जो गाइडलाइन तय की गई है उसके मुताबिक अभ्यास किया जा रहे हैं, आमजन को भी जागरूक किया जा रहा है.

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