जयपुर. वीरता, आत्मसम्मान और त्याग के प्रतीक महाराणा प्रताप की 485वीं जयंती पर गुरुवार को वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप संस्था द्वारा सम्मान समारोह के रूप में मनाई गई. समारोह में उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने प्रतिभाओं को सम्मानित भी किया. इस दौरान दीया कुमारी ने कहा कि कुछ ऐतिहासिक स्थलों पर भ्रामक तथ्यों वाले शिलालेख लगा कर गलत इतिहास बताने की कोशिश हुई, लेकिन राजसमंद सांसद रहते हुए उन्हें हटा कर सही शिलालेख स्थापित किए. महाराणा प्रताप से आज युवाओं को राष्ट्र प्रेम की प्रेरणा लेने की जरूत है.
भ्रामक तथ्यों वाले शिलालेख लगाए: दीया कुमारी ने कहा कि हल्दीघाटी जैसे ऐतिहासिक स्थलों पर कुछ भ्रामक तथ्यों वाले शिलालेख लगाए गए थे, जिनमें महाराणा प्रताप को पराजित बताया गया था. बतौर सांसद रहते हुए इन शिलालेखों को हटवाकर सही ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर नए शिलालेख स्थापित करवाए. उपमुख्यमंत्री ने बताया कि उनके प्रयासों से मेवाड़ क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं स्वीकृत हुईं, जिनमें महाराणा प्रताप सर्किट और स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय की स्थापना शामिल है. यह पहल न केवल क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का काम करेगी, बल्कि युवाओं में गौरव और प्रेरणा का संचार भी करेगी.
वीरता की गायन प्रस्तुति: कार्यक्रम की मुख्य आकर्षण रही ‘वीरता की गायन प्रस्तुति’ ने उपस्थित जनसमूह में देशभक्ति की लहर जगा दी. समारोह में मौजूद लोगों ने महाराणा प्रताप के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया. दीया कुमारी ने कार्यक्रम के समापन पर कहा, ‘महाराणा प्रताप की शौर्य गाथाएं आज भी हमारे दिलों में नई ऊर्जा भरती हैं. यह आयोजन न केवल उन्हें श्रद्धांजलि देने का माध्यम है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को उनकी प्रेरणा से जोड़ने का भी एक सशक्त प्रयास है. इस मौके पर महाराणा प्रताप जयंती कार्यक्रम में जगत महाराज, श्रवण सिंह बगड़ी, राजेन्द्र सिंह सिसोदिया, बर्दी सिंह राजावत, महेन्द्र कंवर, देवेंद्र कंवर जीसहित समाजबंधु उपस्थित रहे.
महाराणा प्रताप जयंती: गलत इतिहास बताने वाले शिलालेख लगाने की कोशिश को हमने नाकाम किया: दीया कुमारी

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