बीडीए ने चकगर्बी में 25 मकान तोड़े 5 छोड़े गए मकानों को लेकर विरोध

बीडीए ने चकगर्बी में 25 मकान तोड़े 5 छोड़े गए मकानों को लेकर विरोध

सीमा सन्देश # बीकानेर। चकगर्बी में बीकानेर विकास प्राधिकरण अवैध कॉलोनियों और अवैध निर्माण के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। बुधवार को बीडीए ने 25 से ज्यादा मकान अलसुबह तोड़ दिए मगर तोड़े गए मकानों के बीच 5 मकान छोड़ दिए। छोड़े गए मकानों में कुछ पुलिसकर्मियों बताए जा रहे हैं तो कुछ नेताओं के रिश्तेदारों के। क्योंकि मकान टूटने के बाद कुछ लोगों ने बीडीए में लिखित शिकायत की है कि सिफारिश वालों के मकान छोड़ दिए गए।
दरअसल कई दिनों से बीडीए चकगर्बी में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण हटाने के साथ ही अपने स्वामित्व का बोर्ड भी लगाती जा रही है। बुधवार अलसुबह जब लोग सो रहे थे तो चकगर्बी में जेसीबी और बुल्डोजर से मकान धड़ाधड़ गिराए जाने लगे। कुछ लोगों को पता लगा तो कुछ को नहीं लग पाया। 7 बजे लोगों ने देखा तो दो से तीन दर्जन मकान गिराए जा चुके थे मगर इनके बीच ही 5 मकानों को कुछ नहीं हुआ।
जिन कमियों के कारण दो दर्जन से ज्यादा मकान गिराए गए वही कमियां होने पर भी कुछ खास लोगों के मकान छोड़ दिए गए। बाद में कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि छोड़े गया एक मकान बीकानेर के मजबूत नेता के रिश्तेदार का है। दो मकान पुलिसकर्मियों के हैं। बाद में सभी मोहल्लेवासी लिखित शिकायत लेकर बीडीए के पास पहुंचे कि जब मेरे मकान तोड़े गए तो पांच मकान क्यों छोड़े गए। प्रार्थी मदन बारूपाल का कहना है कि इस हिसाब से गरीब की कोई सुनवाई नहीं होनी।
एक बार बने तनाव के हालात
बीडीए जब कार्रवाई कर रहा था उस वक्त कुछ लोग बीडीए की टीम से उलझने लगे। कुछ लोग एक जुट होकर आ गए। पत्थरबाजी जैसे हालात बनने लगे। बीडीए ने और फोर्स बुलाया और मौजूदा फोर्स को अलर्ट किया। समझाइश भी की। तब जाकर मामला शांत हुआ। हालांकि बीडीए की कार्रवाई रुकने वाली नहीं है। छोड़े गए मकानों के पीछे बीडीए का तर्क है कि हमने किसी को बेघर नहीं किया। उन्हीं मकानों को छोड़ा गया जिनमें कोई रह रहा है। उसे पहले नोटिस देंगे फिर तोड़ेंगे लेकिन अवैध निर्माण टूटेगा जरूर। अभी नहीं तो 7 दिन बाद मगर कोई कब्जाधारी बचेगा नहीं।

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