जैसलमेर: भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा के लिहाज से चलाए जा रहे ‘आॅपरेशन सिंदूर’ को लेकर सीमा सुरक्षा बल पूरी तरह सतर्क है. इस आॅपरेशन के तहत हाई अलर्ट रणनीति अब भी सक्रिय रूप में लागू है. इरऋ के डीआईजी योगेंद्र सिंह राठौड़ ने स्पष्ट किया कि यह आॅपरेशन फिलहाल ‘पॉज मोड’ में है. संघर्ष विराम की स्थिति में भी जवान पूरी तरह एक्शन मोड में हैं.
सीमा पर शांति, लेकिन पाकिस्तान के भीतर हलचल जारी : डीआईजी राठौड़ के अनुसार, सीमा पार से अभी किसी प्रकार की प्रत्यक्ष गतिविधि नहीं देखी गई है, लेकिन पाकिस्तान के भीतर कुछ संदिग्ध हलचलें जरूर दर्ज हुई हैं. इन गतिविधियों पर इरऋ की पैनी नजर बनी हुई है. दिन हो या रात, हर चौकी और निगरानी तंत्र पूरी तरह मुस्तैद है.
तकनीक और रणनीति का बेहतरीन प्रदर्शन है आॅपरेशन सिंदूर : आॅपरेशन सिंदूर के दौरान बीएसएफ जवानों ने न केवल बहादुरी दिखाई, बल्कि अत्याधुनिक तकनीक और रणनीतिक दक्षता का भी प्रदर्शन किया. यह आॅपरेशन उस समय शुरू किया गया था, जब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों द्वारा पीआईओ नेटवर्क के जरिए भारतीय सैन्य सूचनाएं जुटाने की कोशिशें हो रही थीं. आॅपरेशन सिंदूर ने इन प्रयासों को पूरी तरह विफल कर दिया.
स्थानीय सहयोग भी बना सुरक्षा का आधार : इस अभियान के दौरान स्थानीय नागरिकों और सीमावर्ती गांवों के लोगों को भी सतर्कता के निर्देश दिए गए थे. उनकी सक्रिय भागीदारी से आॅपरेशन और अधिक प्रभावशाली रहा. यह नागरिक-सैनिक समन्वय सुरक्षा रणनीति का अहम हिस्सा बना.
आॅपरेशन शील्ड ने और मजबूत की सुरक्षा परत : आॅपरेशन सिंदूर के बाद, जैसलमेर में आॅपरेशन शील्ड की रणनीति को लागू किया गया. यह कोई मॉक ड्रिल नहीं, बल्कि वास्तविक समय में चल रहा सुरक्षा प्रोटोकॉल है, जिसमें सेना, इरऋ और वायुसेना का समन्वय देखा गया. इस आॅपरेशन के तहत एयर अटैक से लेकर ब्लैकआउट ड्रिल, अंधेरे में निगरानी, सिग्नल इंटरसेप्शन और ट्रैकिंग जैसे कई अभ्यास किए गए.
बीएसएफ का स्पष्ट संदेश- सीमाएं पहले से अधिक सुरक्षित : डीआईजी राठौड़ ने कहा- हालांकि सीमा पर हालात सामान्य हैं, लेकिन हमारी तैयारियां युद्धकाल जैसी ही हैं. हर आयाम पर नियंत्रण और निगरानी पूरी तरह प्रभावी है. आॅपरेशन सिंदूर और आॅपरेशन शील्ड के समन्वय ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की सामूहिक शक्ति और तेज प्रतिक्रिया क्षमता को स्पष्ट रूप से दशार्या है.
भारत की सीमाएं बनीं अभेद्य सुरक्षा कवच : इस समय सीमा पर तैनात हर जवान, हर चौकी और हर तकनीकी उपकरण सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. दोनों आॅपरेशनों ने भारत की सीमाओं को अभेद्य सुरक्षा कवच में बदल दिया है. आने वाले समय में भी किसी भी प्रकार की घुसपैठ या आतंकी प्रयासों का मुंहतोड़ जवाब देने की पूरी तैयारी है.
साहस और संकल्प के लिए दी बधाई, बढ़ाया हौसला : सीमा सुरक्षा बल के सीमांत मुख्यालय जोधपुर के महानिरीक्षक एम.एल. गर्ग ने तीन दिवसीय दौरे के तहत जैसलमेर बीएसएफ के उत्तर सेक्टर का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने 20वीं वाहिनी की विभिन्न सीमा चौकियों और भारत-पाकिस्तान सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. बीएसएफ महानिरीक्षक ने आॅपरेशन सिंदूर के दौरान बीएसएफ जवानों के साहस और संकल्प के लिए दी बधाई, साथ ही हौसला बढ़ाया.
तनोट मंदिर में की पूजा, जवानों से किया संवाद : महानिरीक्षक गर्ग ने गुरुवार को तनोट माता मंदिर पहुंचे. मंदिर में पूजा-अर्चना कर उन्होंने देश में सुख-शांति की प्रार्थना की. इसके बाद तनोट में आयोजित प्रहरी सम्मेलन में उन्होंने जवानों को ‘आॅपरेशन सिंदूर’ के दौरान उनके साहस और संकल्प के लिए बधाई दी. उन्होंने सम्मेलन के दौरान जवानों को साइबर अपराध के बढ़ते खतरे के बारे में जागरूक किया और साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्कता बरतने की सलाह दी.
बीएसएफ डीआईजी बोले- ‘आपरेशन सिंदूर’ अब भी एक्टिव मोड में, सीमा पर जवान सतर्क

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