जयपुर(सीमा सन्देश)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि राजस्थान पुलिस के जवानों का साहस, सेवा भावना और बलिदान अतुलनीय है। पुलिस की वर्दी सिर्फ एक कपड़ा नहीं बल्कि एक जिम्मेदारी, एक वचन और जीवन का एक अर्थ है। पुलिसकर्मी सही मायनों में समाज के असली नायक हैं। बुधवार को आरपीए में राजस्थान पुलिस स्थापना दिवस पर परेड निरीक्षण के बाद समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिसकर्मी समाज की ढाल बनकर हमारी हिफाजत करते हैं। पुलिसिंग का उद्देश्य केवल अपराधियों को पकड़ना ही नहीं बल्कि समाज में विश्वास और सुरक्षा की भावना को मजबूत करना भी है। पुलिस और समाज एक-दूसरे के पूरक हैं। दोनों के बीच नियमित संवाद से आमजन में विश्वास के साथ अपराध पर प्रभावी नियंत्रण होता है। सामुदायिक पुलिसिंग के तहत गांवों-मोहल्लों में बैठकें आयोजित की जानी चाहिएं, जिससे लोगों को पुलिस के कार्यों को समझने में मदद मिल सके। मुख्यमंत्री ने कर्तव्य पथ पर अडिग रहते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीद पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया।
पुलिसकर्मियों के लिए यह घोषणाएं
मुख्यमंत्री ने कांस्टेबल से सहायक उप निरीक्षक तक के वर्दी भत्ते को 7 हजार रु. से बढ़ाकर 8 हजार रु. करने तथा पुलिस निरीक्षक तक के अधिकारियों का मैस भत्ता 2,400 रु. से बढ़ाकर 2,700 रु. करने, कांस्टेबल से पुलिस निरीक्षक तक के पुलिसकर्मियों को एक्सप्रेस श्रेणी की बसों के अतिरिक्त सेमी डीलक्स बसों में भी नि:शुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध करवाने की घोषणा की। पदोन्नति देने के लिए सरकार सभी आवश्यक कदम उठाएगी।
200 करोड़ रु. से होगा पुलिस आधुनिकीकरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पुलिसकर्मियों के हित में कदम उठा रही है। 200 करोड़ रुपये का पुलिस मॉडर्नाइजेशन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड गठित किया जाएगा। 10 हजार पदों पर भर्ती को स्वीकृति प्रदान की गई है। पुलिस एवं कारागार विभाग में कार्यरत लांगरियों के मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि एवं 250 लांगरी पदों का सृजन भी किया गया है। पुलिस मोबेलिटी के लिए लगभग 750 मोटरसाइकिल एवं 500 हल्के वाहन उपलब्ध करवाए गए हैं तथा आधुनिक उपकरणों के लिए 27 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। 350 करोड़ रुपये की लागत से पुलिस मुख्यालय के अन्तर्गत सरदार पटेल सेंटर फॉर साइबर कंट्रोल एंड वार रूम की स्थापना की जाएगी। पुलिस को और अधिक प्रभावी एवं कार्यदक्ष बनाने हेतु करीब 60 करोड़ की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।

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