श्रीगंगानगर। गर्मी के मौसम में पानी की मांग बढ़ने और विभाग द्वारा लगातार पेयजल सप्लाई देने के बावजूद शहर में कई जगह पेयजल को लेकर उपभोक्ताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी को देखते हुए पीएचईडी ने अवैध कॉलोनी/कनेक्शन धारकों के विरूद्ध पुलिस को साथ में लेकर अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत विभाग की टीम ने सहायक अभियंता कृष्ण कुमार धारीवाल की अगुवाई में कार्यवाही करते हुए ग्रीन वैली में 40 अवैध कनेक्शन काटने की कार्यवाही को अंजाम दिया। कार्यवाही के लिए पुलिस जाब्ते और जेसीबी के साथ पहुंची पीएचईडी की टीम को देख एक बारगी कॉलोनीवासी सकते में आ गए। कुछ देर बाद उन्हे पता चला टीम अवैध कनेक्शन धारकों के विरूद्ध कार्यवाही के लिए पहुंची है। अधिकारियों का कहना है ग्रीन वैली अवैध कॉलोनी है और यह कृषि भूमि पर बसी है। यहां कार्यवाही होते ही मेट्रो सिटी के वास्तविक उपभोक्ताओं के यहां पेयजल आपूर्ति पहले के मुकाबले बेहतर हुई। विभागीय अधिकारियों के अनुसार नगर विकास न्यास द्वारा अपु्रवड कॉलोनियों में उपभोक्ताओं को पेयजल आपूर्ति के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी को देखते हुए प्रशासन अर्ल्ट मोड पर है। उच्चाधिकारियों द्वारा भी अवैध कॉलोनियों और उपभोक्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए उनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए गए है।
मुख्य लाइन में भी कनेक्शन
विभागीय जानकारी अनुसार कई जगह लोगों ने मुख्य पेयजल लाइन में भी कनेक्शन कर रखे हैं जो कानून सही नहीं है। अवैध कनेक्शन के विरूद्ध शुरू किए अभियान के दौरान ऐसे लोगों के खिलाफ भी कार्यवाही कि जाएगी। जानकारी अनुसार अवैध कनेक्शन करने वालों की सूची में कई प्रभावशाली लोग भी शामिल है। हाल ही के समय में आपातकालान समकालीन ऋतु को देखते हुए अवैध रूप से जोड़े गए कनेक्शनों को विभाग द्वारा पहले चिह्नित किया गया। इसके बाद यह अभियान शुरू किया गया है। इस दौरान अवैध कनेक्शन काटने के साथ अगर कोई इन्हे रेगुलाइज करवाना चाहेगा तो कनेक्शन रेगुलाइज भी किए जाएंगे। उपभोक्ताओं कि पेयजल को लेकर शिकायत मिलने पर समस्या को चिह्नित कर उसका निस्तारण किया जाएगा। एईएन पीएचईडी सब डिवीजन रेवेन्यु ने इसके लिए डोर टू डोर अभियान चलाया है।
60 दिन अभियान
अवैध पेयजल कनेक्शन को लेकर प्रशासन अर्ल्ट मोड पर है। अवैध कॉलोनियों/उपभोक्ताओं को चिह्नित किया है। इलके विरूद्ध 60 दिन तक अभियान चलेगा।
- कृष्ण कुमार धारीवाल,
एईएन पीएचईडी
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