पाक की गोलीबारी से तबाह हुए सीमावर्ती गांव

पाक की गोलीबारी से तबाह हुए सीमावर्ती गांव
  • सीजफायर की घोषणा के बाद घर लौटने लगे लोग, बर्बादी का मंजर देख छलकी आँखें
    श्रीनगर।
    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय निवासी की हत्या के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ‘आॅपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। इसके जवाब में पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारी गोलाबारी शुरू कर दी, जिससे कश्मीर घाटी के सीमावर्ती इलाकों में दहशत फैल गई। बुधवार रात से शुरू हुई गोलाबारी के चलते बारामुल्ला, कुपवाड़ा और बांदीपुरा जिलों के हजारों ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पलायन करना पड़ा।
    बारामुल्ला के उरी, कुपवाड़ा के केरन और करनाह के बटपोरा गांवों सहित कई गांवों में गोलाबारी से मकान तबाह हो गए। स्थानीय निवासी फैयाज करनाही ने बताया कि उनके गांव में दीवारें गिर गईं और मकान मलबे में तब्दील हो गए। उन्होंने बताया कि गुरुवार सुबह सैकड़ों ग्रामीण श्रीनगर और अन्य सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए। अब लौटते वक्त वे राहत महसूस कर रहे हैं कि जान बच गई, लेकिन घरों के नुकसान को लेकर दुखी हैं।
    बारामुल्ला में विस्थापितों को अस्थाई रूप से सरकारी कॉलेजों में ठहराया गया। हतलंगा गांव के छात्र शाहिद रुस्तम ने बताया कि उनके गांव के 40 में से 20 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। गुरेज सेक्टर में अपेक्षाकृत कम गोलाबारी हुई, लेकिन युद्ध की आशंका के कारण लोग वहां से भी भाग निकले। निवासी इम्तियाज अहमद ने बताया कि अब लोग धीरे-धीरे घर लौट रहे हैं।
    उरी के विधायक सज्जाद शफी के अनुसार, उपमंडल की 1.70 लाख आबादी में से लगभग 50 प्रतिशत लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पहले सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करेगी, फिर क्षतिग्रस्त घरों और संपत्तियों का आकलन कर पुनर्वास योजना लागू करेगी। ग्रामीणों ने सरकार से पुनर्निर्माण और सहायता की अपील की है।

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