पब्लिक वाई-फाई इस्तेमाल साइबर सुरक्षा में लापरवाही पड़ सकता है भारी

पब्लिक वाई-फाई इस्तेमाल साइबर सुरक्षा में लापरवाही पड़ सकता है भारी

श्रीगंगानगर। डिजिटल युग में जैसे-जैसे आॅनलाइन बैंकिंग, व्यापारिक लेनदेन और व्यक्तिगत डाटा का उपयोग बढ़ रहा है, वैसे-वैसे साइबर अपराधों का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है। साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे के बीच सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने नागरिकों को सुरक्षित आॅनलाइन व्यवहार के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें कहा गया है कि लोग पब्लिक वाई-फाई का उपयोग करते समय अधिक सावधान रहें और आॅनलाइन लेन-देन में सुरक्षा के नए उपाय अपनाएं। गाइडलाइन के अनुसार, बैंकिंग, व्यापारिक अकाउंट और ईमेल जैसे महत्वपूर्ण कार्य करते समय पब्लिक वाई-फाई का उपयोग न करें और इसके बजाय निजी नेटवर्क या वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का इस्तेमाल करें। गाइडलाइन में विभाग ने इस बात का भी उल्लेख किया कि यदि किसी व्यक्ति को आॅनलाइन धोखाधड़ी या संदिग्ध गतिविधि का सामना हो, तो वह तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल पर या टोल फ्री नंबर 1930 पर कॉल कर सकता है। उल्लेखनीय है कि इसी माह की शुरूआत में मुख्य सचिवों के तृतीय राष्ट्रीय सम्मेलन में ‘साइबर सुरक्षा- उभरती चुनौतियां’ विषय पर पर देशभर में साइबर स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने के लिए जनजागरूकता कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद राज्य के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा इस सम्बंध में गाइडलाइन जारी कि है।
गाइडलाइन में यह सबकुछ
पब्लिक वाई-फाई का उपयोग करें सावधानी से
सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जारी गाइडालइन में अपील की है कि पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल करते समय पूरी सावधानी बरतें। बैंकिंग लेन-देन, व्यापारिक अकाउंट या किसी भी प्रकार के संवेदनशील आॅनलाइन कार्यों के लिए पब्लिक वाई-फाई का उपयोग करना खतरे से खाली नहीं है। हैकर्स इस नेटवर्क का इस्तेमाल करके आपकी व्यक्तिगत जानकारी चुरा सकते हैं। इसलिए, इन कार्यों के लिए हमेशा सुरक्षित मोबाइल नेटवर्क का उपयोग करें। अगर आप पब्लिक वाई-फाई का उपयोग कर रहे हैं, तो वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का इस्तेमाल करें, जो आपके डेटा को सुरक्षित रखने में मदद करेगा।
आॅपरेटिंग सिस्टम और सॉफ़्टवेयर को अपडेट रखें
एक और महत्वपूर्ण सुझाव जो गाइडलाइन में दिया गया है, वह है अपने आॅपरेटिंग सिस्टम और सॉफ़्टवेयर का समय-समय पर अपडेट करे। क्योंकि हैकर्स अक्सर पुराने और अनअपडेटेड सिस्टम का फायदा उठाते हैं। इसलिए अपने कंप्यूटर या स्मार्टफोन के आॅपरेटिंग सिस्टम को हमेशा लेटेस्ट वर्शन में रखें, ताकि आपको किसी भी नए साइबर खतरों से सुरक्षा मिल सके। इसके अलावा, एंटी-वायरस और एंटी-मैलवेयर सॉफ़्टवेयर का उपयोग भी जरूरी है, और इन्हें भी नियमित रूप से अपडेट करना चाहिए।
मजबूत पासवर्ड का उपयोग और नियमित बदलाव
गाइडलाइन में भी यह सुझाव दिया गया है कि साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार पासवर्ड मजबूत और अद्वितीय होना चाहिए। इसलिए पासवर्ड को मजबूत बनाना चाहिए और उन्हें समय-समय पर बदलते रहना चाहिए। एक अच्छा पासवर्ड कम से कम आठ से दस अक्षरों का होना चाहिए और उसमें अक्षरों के साथ-साथ संख्याएँ और विशेष चिह्न भी शामिल होने चाहिए। पासवर्ड का नियमित रूप से बदलाव करने से आपके अकाउंट की सुरक्षा में और वृद्धि होती है।
डेटा का बैकअप लें
गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि आपको अपनी महत्वपूर्ण फाइलों, दस्तावेजों और डेटा का नियमित रूप से बैकअप लेना चाहिए। यदि आपके कंप्यूटर या डिवाइस पर कोई तकनीकी खराबी आती है या साइबर हमलावर आपके डेटा को नुकसान पहुंचाते हैं, तो बैकअप आपके लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकता है। साथ ही, बैकअप को विभिन्न स्थानों पर सुरक्षित रखना चाहिए, जैसे कि क्लाउड सर्विसेज या एक्सटर्नल हार्ड ड्राइव्स पर।

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