नया मल्टी एजेन्सी सेंटर देश को गंभीर खतरों से निपटने के लिए बनायेगा मजबूत: शाह

नया मल्टी एजेन्सी सेंटर देश को गंभीर खतरों से निपटने के लिए बनायेगा मजबूत: शाह

नयी दिल्ली (वार्ता). केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को यहां नॉर्थ ब्लॉक में नए मल्टी एजेन्सी सेंटर (एमएसी) का उदघाटन किया और कहा कि यह आतंकवाद, उग्रवाद, संगठित अपराध और साइबर हमलों जैसे गंभीर खतरों से निपटने में देश के प्रयासों को मजबूती प्रदान करेगा।
श्री शाह ने इस अवसर पर कहा कि आॅपरेशन सिन्दूर प्रधानमंत्री की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति, खुफिया एजेंसियों की सटीक सूचना और तीनों सेनाओं की अचूक मारक क्षमता का अद्वितीय प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी तीनों सेनाओं, सीमा सुरक्षा बल और सभी सुरक्षा एजेंसियों पर गर्व है।
हाल ही में, छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा से लगते क्षेत्र में केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों द्वारा चलाए गए ऐतिहासिक नक्सल विरोधी आॅपरेशनों के बारे में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ ये ऐतिहासिक अभियान सुरक्षाबलों के बेहतरीन समन्वय को दशार्ते हैं। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार का समन्वय आॅपरेशन सिंदूर के दौरान भी देखने को मिला जिससे पता चलता है कि खुफिया एजेंसियों तथा तीनों सशस्त्र सेनाओं द्वारा कार्य को अंजाम देने की प्रक्रिया और सोच में काफी बेहतर समन्वय है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि यह नया सेंटर जटिल और परस्पर रूप से जुड़ी मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में सभी एजेंसियों के प्रयासों को मजबूत करेगा और एक निर्बाध तथा एकीकृत प्लेटफार्म प्रदान करेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि नया नेटवर्क, आतंकवाद, उग्रवाद, संगठित अपराध और साइबर हमलों जैसे गंभीर खतरों से निपटने में देश के प्रयासों को मजबूती प्रदान करेगा।
श्री शाह ने सेंटर की प्रशंसा करते हुए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर से जुड़े कार्यों को रिकॉर्ड समय में सफलतापूर्वक पूरा करने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों के पास जो महत्वपूर्ण डाटाबेस एकाकीपन में काम कर रहे हैं, उन्हें भी इस प्लेटफार्म पर जोड़ा जाना चाहिए जिससे नए सेंटर के पास उपलब्ध डाटा का फायदा उठाया जा सके।
भारत के सबसे अग्रणी केन्द्र के रूप में एमएसी वर्ष 2001 से अस्तित्व में है इसने खुफिया, सुरक्षा , कानून प्रवर्तन और जांच एजेंसियों को आपस में जोड़ने का काम किया है। पांच सौ करोड़ रुपए की लागत से तैयार नए नेटवर्क में अनेक बदलाव किए गए हैं। यह देश भर में फैला है जिसमें देश के द्वीपीय हिस्से, उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र और ऊंचे पहाड़ी क्षेत्र भी शामिल हैं। इसमें दूरदराज के क्षेत्रों के जिला पुलिस अधीक्षक तक संपर्क सुविधा दी गई है।

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