धूल फांक रहा आटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक

धूल फांक रहा आटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक

आटोमेटेड टेस्ट के लिए करीब तीन साल पहले बनाया गया ट्रैक तकनीकी खामी की वजह से नहीं हो सका शुरू
हनुमानगढ़ (सीमा सन्देश न्यूज)।
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए होने वाले आॅटोमेटेड टेस्ट के लिए जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय में करीब तीन साल पहले तैयार आॅटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक (एडीटीटी) शुरू न होने से धूल फांक रहा है। आॅटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक शुरू न होने के पीछे का कारण तकनीकी खामी को बताया जा रहा है। तकनीकी खामी की वजह से मुख्यालय की ओर से इसका टेंडर निरस्त कर दिया गया था। अब मुख्यालय की ओर से इसका टेंडर लंबित है। किसी सॉफ्टवेयर कंपनी को अधिकृत करने के बाद ही इस टेस्ट की सुचारू रूप से शुरूआत हो सकेगी। जानकारी के अनुसार राजस्थान के सभी जिला मुख्यालयों पर डीटीओ कार्यालयों में एडीटीटी (स्वचालित ड्राइवर टेस्ट ट्रैक) का प्रावधान किया गया था। इसके अन्तर्गत आॅटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक की घोषणा की गई थी। 17 डीटीओ कार्यालयों में 25.14 करोड़ रुपए की लागत से आॅटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण होना था। हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय पर 7 दिसम्बर 2022 से भौतिक इन्फ्रास्टक्चर बनकर तैयार है। इसमें ड्राइविंग ट्रैक का निर्माण, ड्राइविंग ट्रैक पर कैमरों का इंस्टॉलेशन, सेंसर इंस्टॉलेशन आदि का कार्य हो चुका है। स्वचालित ड्राइवर टेस्ट ट्रैक को सुचारू रूप से शुरू करने के लिए सॉफ्टवेयर इंस्टॉलेशन की जरूरत होती है। सॉफ्टवेयर के आधार पर कैमरों की रिकॉर्डिंग, यहां से प्राप्त होने वाले डाटा के बेस पर ड्राइविंग टेस्ट देने वाले व्यक्ति को फेल या पास किया जाता है। शुरुआती चरण में इस नवाचार का प्रयोग आरटीओ कार्यालय प्रथम जयपुर में हुआ था। कुछ तकनीकी खामियों की वजह से मुख्यालय ने इसका टेंडर कैंसिल कर दिया। अब मुख्यालय की ओर से इसका टेंडर लंबित है। किसी सॉफ्टवेयर कंपनी को अधिकृत करने के बाद ही यह टेस्ट शुरू हो सकेगा। जिला परिवहन अधिकारी नरेश पूनिया ने बताया कि ट्रैक बने काफी समय हो चुका है। सड़क के रख-रखाव को लेकर भी समस्या आ रही है। एडीटीटी शुरू करने के लिए मुख्यालय से बात की गई है। जल्द ही सॉफ्टवेयर कंपनी को अधिकृत किए जाने का आश्वासन मिला है। इसके बाद एडीटीटी शुरू हो सकेगा।

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