- एमसीडी में अलग गुट बनाने की घोषणा; मुकेश गोयल तीसरे मोर्चे का नेतृत्व करेंगे
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम में आप के 15 नगर पार्षदों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इन्होंने इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी नाम से तीसरा मोर्चा बनाने की घोषणा भी कर दी है। मुकेश गोयल नए मोर्चे का नेतृत्व करेंगे।
इस्तीफा देने वाले अन्य पार्षदों में हेमचंद गोयल, हिमानी जैन, रुनाक्षी शर्मा, उषा शर्मा, अशोक पांडेय, राखी यादव, साहिब कुमार, राजेश कुमार लाडी, मनीषा, सुमन अनिल राणा, देविंदर कुमार और दिनेश भारद्वाज शामिल हैं।
पार्षदों ने एक प्रेस रिलीज में लिखा, ‘हम सभी पार्षद टउऊ में साल 2022 में आप की टिकट से चुने गए थे। हालांकि, 2022 में चुनाव जीतने के बावजूद पार्टी का शीर्ष नेतृत्व एमसीडी को ठीक से नहीं चला पाया।’
‘बड़े नेताओं का पार्षदों से आपस में समन्वय न के बराबर रहा, जिसके कारण पार्टी विपक्ष में आ गई है। जनता से किए गए वादे को पूरा न कर पाने के कारण हम पार्षद पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं।’
पार्षदों ने कहा- जनता से किए वादे पूरा नहीं कर पाए
25 अप्रैल को भाजपा के राजा इकबाल सिंह मेयर बने थे दिल्ली में पिछले महीने 25 अप्रैल को मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव हुए थे। आप ने चुनाव का बहिष्कार किया था। भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला हुआ, जिसमें भाजपा उम्मीदवार राजा इकबाल सिंह ने 133 वोटों के साथ मेयर पद पर जीत हासिल की।
इसके अलावा भाजपा के पार्षद जय भगवान यादव डिप्टी मेयर चुने गए। कुल 142 वोट डाले गए थे। कांग्रेस को महज 8 वोट मिले थे। चुनाव में भाजपा की जीत पहले ही तय थी क्योंकि उसके पास 117 और कांग्रेस के पास सिर्फ आठ पार्षद थे।
एमसीडी में अभी 238 सीटें, 12 सीटें खाली दिल्ली में हर साल मेयर पद और हर पांच साल में निकाय चुनाव होते हैं। 2022 के आखिरी निकाय चुनाव में अअढ ने 134 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था। भाजपा को 104 और कांग्रेस को 9 सीटें मिलीं। कुल 250 सीटों पर वोटिंग हुई थी। दिल्ली नगर निगम के एकीकरण से पहले 272 वार्डों के लिए वोटिंग होती थी।
दिल्ली नगर निगम में अभी मौजूदा पार्षदों की संख्या 238 है। 250 में से 12 सीटें कुछ पार्षदों के दिल्ली विधानसभा और एक लोकसभा के लिए चुने जाने के कारण खाली हो गई। 250 सीटों में से, भाजपा के पास 117 पार्षद हैं।
आप के पास 113 पार्षद थे, लेकिन पार्षदों के इस्तीफा देने के बाद यह संख्या कम हो गई है। कांग्रेस के पास सिर्फ आठ सीटें हैं। टउऊ के मेयर चुनाव में 250 पार्षदों के अलावा दिल्ली के 10 सांसद (लोकसभा से सात और राज्यसभा से तीन) और 14 विधायक वोट डालते हैं, जिससे कुल वोट 274 हो जाते हैं।
दिल्ली में इस साल कई विधायकों-पार्षदों ने आप छोड़ी
2 फरवरी: 8 विधायकों ने भाजपा जॉइन की आप के आठ विधायकों ने विधानसभा चुनाव से 4 दिन पहले 1 फरवरी को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। अगले दिन सभी भाजपा में शामिल हो गए। इनमें वंदना गौड़, रोहित महरौलिया, गिरीश सोनी, मदन लाल, राजेश ऋषि, बीएस जून, नरेश यादव और पवन शर्मा शामिल थे। पार्टी ने इन्हें 2025 के चुनाव में टिकट नहीं दिया था।
15 फरवरी: आप के 3 पार्षद भाजपा में शामिल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के 6 दिन बाद आम आदमी पार्टी के 3 पार्षद भाजपा में शामिल हो गए। इनमें एंड्रयूज गंज से पार्षद अनीता बसोया, आरके पुरम से पार्षद धर्मवीर और चपराना से पार्षद निखिल शामिल थी। इनके अलावा अअढ के 4 नेताओं ने भी भाजपा जॉइन की। संदीप बसोया अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हुए। वे अअढ से नई दिल्ली के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं।
दिल्ली में 26 साल बाद भाजपा सरकार, आप 22 सीटों पर सिमटी इस साल 8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आए थे। इसमें भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीतकर 26 साल बाद सत्ता में वापसी की थी। आप को 22 सीटें मिली, जबकि 2020 के चुनाव में पार्टी ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
दिल्ली में आप के 15 पार्षदों ने इस्तीफा दिया

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