नयी दिल्ली (वार्ता). केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण शिवराज सिंह चौहान ने खेती को उन्नत और समृद्ध करने के प्रयास का आह्वान करते हुये कहा है कि भविष्य की कृषि नीति किसानों के सुझावों के आधार पर बनेगी।
श्री चौहान ने विकसित कृषि संकल्प अभियान के समापन पर यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार निरंतर किसानों के बीच खेतों में जाकर खेती को उन्नत और किसानों को समृद्ध बनाने का प्रयत्न करती रहेगी। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान मिले किसानों के सुझावों को भविष्य की कृषि नीति में अनिवार्य रूप से शामिल किया जायेगा और उनकी समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता दी जायेगी।
उन्होंने कहा कि कृषि विकास केंद्रों (केवीके) और खेतों के बीच दूरी का पाटने का प्रयास किया जायेगा। कृषि विज्ञान केंद्र के अनुरूप नोडल एजेंसी हर जिले के लिए बनायी जायेगी, जो किसानों के हित में समन्वय करेगी। केवीके के वैज्ञानिक अनिवार्य रूप से सप्ताह में तीन दिन खेतों में किसानों के बीच जायेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय करने के लिए विकसित खेती और समृद्ध किसान के लिए काम करने वाली जितनी भी संस्थायें हैं, उनका एक दिशा में चलना अनिवार्य हैं और इसलिए इसके समन्वय की भी चर्चा कर निश्चित तौर पर व्यवस्था करेंगे। राज्य में कृषि के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की तरफ से एक नोडल अफसर तय किया जायेगा, जो उस राज्य में सारे वैज्ञानिक प्रयोगों को समस्याओं को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखकर सलाह और सुझाव देगा। उन्होंने कहा कि कृषि पर राज्य सरकारों से संवाद और संपर्क जारी रहेगा और अधिकारी भी अलग-अलग राज्यों सरकारों के साथ चर्चा करेंगे, ताकि उनकी जरूरतों को पूरा कर सकें।
श्री चौहान ने कहा कि अमानकीकृत बीज और कीटनाशक किसानों की दो बड़ी समस्यायें हैं, जिन पर काबू पाना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए बीज अधिनियम को और कड़ा बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाये जायेंगे। गुणवत्तायुक्त बीज किसानों तक पहुंचना सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि ये अभियान थमेगा नहीं बल्कि रबी की फसल के लिए विकसित कृषि संकल्प अभियान फिर से चलेगा।
अभियान के अंतर्गत वैज्ञानिकों, अधिकारियों ओर कृषि विशेषज्ञों के 2170 दलों ने देशभर में 1.42 लाख से अधिक गांवों में पहुंचकर 1.34 करोड़ से ज्यादा किसानों से सीधा संवाद किया।
खेती को उन्नत, समृद्ध करने के प्रयास का आह्वान

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