कृषि अनुसंधान केन्द्र पर कृषि आदान विक्रेताओं का एक वर्षीय डिप्लोमा का दीक्षांत समारोह सम्पन्न

कृषि अनुसंधान केन्द्र पर कृषि आदान विक्रेताओं का एक वर्षीय डिप्लोमा का दीक्षांत समारोह सम्पन्न
  • मुख्य अतिथि डॉ. आर.पी. भारद्वाज ने गुणवत्तापूर्ण कृषि आदान अपनाने पर दिया जोर
    सीमा सन्देश # श्रीगंगानगर।

    भारत सरकार के कृषि एवं कल्याण मंत्रालय की नोडल एजेंसी मैनेज हैदराबाद के निर्देशानुसार राज्य कृषि प्रबंध संस्थान, जयपुर के माध्यम से नोडल ट्रेनिंग संस्थान कृषि अनुसंधान केन्द्र, श्रीगंगानगर पर जिले के सहकारिता विभाग के पैक्स मैनेजर का डेसी डिप्लोमा कार्यक्रम का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि वरिष्ठ कपास वैज्ञानिक डॉ. आर.पी. भारद्वाज तथा विशिष्ट अतिथि पूर्व कृषि वैज्ञानिक डॉ. बी.एस. सिद्ध, अतिरिक्त निदेशक कृषि (विस्तार) डॉ. जी.आर. मटोरिया, कृषि महाविद्यालय डीन डॉ. बी.एस. मीणा थे एवं अध्यक्षता जोनल डायरेक्टर (रिसर्च) डॉ. एन. के. शर्मा ने की।
    मुख्य अतिथि डॉ. आर.पी. भारद्वाज ने अपने उद्बोधन में प्रशिक्षणार्थियों को उच्च क्वालिटी के और आवश्यक कृषि आदान ही कृषकों को बेचने के लिए प्रेरित किया, जिससे किसानों की लागत होगी तथा मुनाफा बढ़ेगा। विशिष्ट अतिथि डॉ. बी.एस. सिद्धू ने कहा कि वर्तमान आधुनिक तकनीकी युग में कृषि आदान किसानों को उपलब्ध करवाए जाएं। डॉ. जी.आर. मटोरिया ने कहा कि कृषि क्षेत्र में किसानों को मिट्टी, पानी की जांच की जानकारी देते हुए कस्टम हायरिंग सेंटर के बारे में भी बताया जाए।
    डॉ. बी.एस. मीणा ने कृषि ज्ञान को घर-घर व ढाणी-ढाणी तक पहुंचाने का संदेश दिया। अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. एन. के. शर्मा ने कहा कि 48 सप्ताह के प्रशिक्षण कार्यक्रम में 40 कक्षा तथा 8 क्षेत्र भ्रमण शामिल हैं, जिसको सम्पूर्ण कर डीलर्स द्वारा कृषि तकनीकी का ज्ञान प्राप्त किया है, जिसे किसानों को बताकर उनको लाभान्वित किया जाए। मंच संचालन करते हुए सेवानिवृत्त सहायक निदेशक (कृषि) एवं फेसिलेटर मदनलाल जोशी ने गुरु पूर्णिमा के महत्व पर प्रकाश डाला तथा कृषक हित में राष्ट्र हित में कार्य करने के लिए प्रेरित किया।

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