आरडीएसएस के तहत लगेंगे स्मार्ट मीटर, सिटी द्वितीय में दस लोगों ने टीम ने शुरू किया सर्वे

आरडीएसएस के तहत लगेंगे स्मार्ट मीटर, सिटी द्वितीय में दस लोगों ने टीम ने शुरू किया सर्वे

-पहले बदले जाएंगे सोलर और खराब पड़े मीटर, अगले माह शुरू हो सकता है मीटर लगाने का काम,
श्रीगंगानगर।
आरडीएसएस योजना के तहत जिले में पुराने मीटर को बदल कर उनकी जगह स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इसके लिए जिला मुख्यालय पर ठेका फर्म वीनस के दस कर्मचारियों की टीम ने सिटी द्वितीय(पुरानी आबादी)एरिया में फीडर स्तर पर उपभोक्ताओं की संख्या और खपत के साथ उपभोक्ता का सर्वे करना शुरू कर दिया है। डिस्कॉम अधिकारियों के अनुसार पूरे जोधपुर डिस्कॉम में श्रीगंगानगर वृत की स्मार्ट मीटरिंग मामले में पिछड़ा हुÞआ है। इसी को लेकर ठेका फर्म वीनस के प्रतिनिधि ने अधीक्षण अभियंता वी आई परिहार से मुलाकात भी की थी। जानकारी अनुसार करीब 30 से 45 मीनट तक चली वार्ता के दौरान कम्पनी प्रतिनिधि ने एसई को आश्वस्त किया की जहां सर्वे का काम पूरा कर लिया जाएगा। वहां आगामी माह की शुरुआत में स्मार्ट लगाने का भी शुरू हो जाएगा। वर्तमान में सर्वे के काम में दस लोगों की टीम लगाई है जिसकी संख्या आगामी दिनों में बढ़ाई जाएगी। डिस्कॉम सूत्रों के अनुसार स्मार्ट मीटरिंग को लेकर डिस्कॉम के उच्चाधिकारियों द्वारा गाइड लाइन जारी की गई है। इसमें आॅन ग्रिड सोलर पैनल वाले और खराब मीटर वाले उपभोक्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इतना ही नहीं जैसे ही संबंधित फर्म जिला मुख्यालय पर अपना सेटअप स्थापित कर लेगी उसके साथ खराब मीटर की जगह यहीं मीटर लगाए जाएंगे। इसलिए डिस्कॉम स्तर पर लगातार खराब मीटर की पैडेंसी को समाप्त किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि जिले में करीब सवा चार लाख पंंजिकृत बिजली उपभोक्ता है।
मीटर से छेड़छाड़ तो तुरन्त मिलेगी जानकारी
डिस्कॉम अधिकारियों के अनुसार स्मार्ट मीटर पूरी तरह स्मार्ट होगा। इसमें स्काडा सिस्टम के जरीए कम्पनी प्रतिनिधि एक ही जगह बैठे संबंधित फीडर में होने वाली खपत की जानकारी प्राप्त कर सकेगा। साथ ही उपभोक्ता की खपत से लेकर उसकी रीडिंग की भी एक ही जगह बैठकर मॉनिटरिंग हो सकेगी। जानकारी अनुसार स्मार्ट मीटर में एक डिवाइस होगी जो एक सिंगनल के जरीए डिस्कॉम दफ्तर से मीटर की रीडिंग और निगरानी में सहायता करेगी। इससे डिस्कॉम को मीटर रीडिंग के लिए कर्मचारी को भेजने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इतना ही नहीं उपभोक्ता भी अपने मोबाइल में एप डाउनलोड कर अपनी खपत के बारे में पूरी जानकारी रख सकेगा। इससे मीटर रीडिंग में होने वाली गफलत से भी काफी हद तक निजात मिलेगी। इसके अलावा मीटर की स्क्रीन पर उपभोक्ता को मौजूदा बिजली , शेष बिल और खपत के बारे पूरी जानकारी मिल सकेगी। उपभोक्ता प्रीपेड भुगतान कर सकेंगे। यानी जितना भुगतान किया जाएगा उतनी ही बिजली मिलेगी।

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