अंतरराज्यीय साइबर गिरोह का पर्दाफाश, दो सदस्य गिरफ्तार, मास्टर माइंड की तलाश

अंतरराज्यीय साइबर गिरोह का पर्दाफाश, दो सदस्य गिरफ्तार, मास्टर माइंड की तलाश
  • 20 मोबाइल फोन, 30 सिम कार्ड, 4 स्मार्ट एलईडी, 2 डेस्कटॉप सीपीयू, 1 वाईफाई सेटअप बरामद
    हनुमानगढ़ (सीमा सन्देश न्यूज)।
    जंक्शन थाना पुलिस के हाथ बुधवार रात्रि को बड़ी सफलता हाथ लगी। पुलिस ने एसपी हरी शंकर के निर्देशन में साइबर फ्रॉड गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराज्यीय साइबर गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार किए। ठग गिरोह के मास्टर माइंड की पुलिस को तलाश है। प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ कि ठग गिरोह के सदस्य छदम अकाउंट्स में करोड़ों रुपए की साइबर फ्रॉड राशि का लेन-देन कर चुके हैं। आरोपी न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में मकान किराए पर लेकर साइबर ठगी गिरोह का संचालन कर रहे थे। न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित एक मकान में की गई कार्रवाई के दौरान पुलिस को मौके से अलग-अलग कंपनियों के 20 मोबाइल फोन, 30 सिम कार्ड, 4 स्मार्ट एलईडी, 2 डेस्कटॉप सीपीयू, 1 वाईफाई सेटअप बरामद हुआ। पुलिस अधीक्षक हरी शंकर ने जंक्शन पुलिस थाना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि जंक्शन थाना के एसआई सुरेन्द्र बिश्नोई के नेतृत्व में गठित टीम बुधवार रात्रि को गश्त कर रही थी। गश्त के दौरान सूचना मिली कि डीटीओ कार्यालय के पीछे न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में मकान में दो व्यक्ति षड्यंत्रपूर्वक लोगों से छल कर हड़पी हुई राशि का अन्य बैंक खातों में ट्रांजेक्शन कर रहे हैं। ये भोले-भाले व गरीब व्यक्तियों को झांसे में लेकर उनके नाम से बैंक खाता खुलवाकर उनके खातों को साइबर ठगी करने वाले को उपलब्ध करवाने का काम करते हैं। ये बिना किसी वैरिफिकेशन के छदम नाम व आईडी से बैंक से मिलीभगत कर खाते खुलवाते हैं। इस पर टीम ने न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में पहुंचकर उक्त मकान पर दबिश दी। मौके पर शिवचरण (42) पुत्र बाबूलाल वाल्मीकि निवासी वार्ड 44, सुरेशिया पुलिस चौकी के नजदीक, सुरेशिया, जंक्शन व शुभम शर्मा (20) पुत्र मदन शर्मा निवासी भट्ठा कॉलोनी, वार्ड 15, जंक्शन मौजूद मिले। इनके कब्जे से साइबर ठगी में प्रयुक्त विभिन्न कम्पनियों के 20 मोबाइल फोन, 30 सिम कार्ड, 4 एलईडी, 2 डेस्कटॉप सीपीयू, वाईफाई, अन्य राज्यों के बैंकों की बैंक पास बुक्स, चेक बुक्स, डेबिट कार्ड बरामद किए गए। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर भारतीय न्याय संहिता व आईटी एक्ट की धाराओं के तहत अभियोग दर्ज किया। अनुसंधान थाना प्रभारी लक्ष्मण सिंह राठौड़ कर रहे हैं। कार्रवाई करने वाली पुलिस टीम में एसआई सुरेन्द्र बिश्नोई, हैड कांस्टेबल राकेश कुमार, कांस्टेबल सुरेश कुमार, संदीप कुमार व साइबर सेल के कांस्टेबल हेमेन्द्र सिंह शामिल रहे। एसपी के अनुसार ठगी गिरोह को स्थानीय स्तर पर संचालित करने मास्टर माइंड आसिफ अली पुत्र इस्पाक अली निवासी भट्ठा कॉलोनी, जंक्शन, पुलिस कार्रवाई के बाद से फरार चल रहा है। उसकी तलाश के लिए थाना स्तर पर टीमें गठित कर तलाश जारी है।
    ठगी करने का तरीका
    एसपी हरी शंकर ने बताया कि गिरोह सदस्य छदम खातों का प्रयोग कर बड़े पैमाने पर राशि/रुपए अन्य खातों में ट्रांसफर करते हैं। ठग गिरोह के अन्य सदस्यों द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप पर खातों की लिस्ट भेजी जाती थी। इनमें आरोपियों की ओर से फ्रॉड राशि ट्रांसफर की जाती थी। बरामद मोबाइल फोन का प्रयोग खाता चलाने व राशि को ट्रांसफर करने के लिए, ओटीपी प्राप्त करने के लिए किया जाता था। यह ठगी का सेंटर 24 घंटे संचालित किया जा रहा था। प्रत्येक शिफ्ट में 3-4 व्यक्ति काम करते। शिफ्ट दिन व रात की अलग-अलग होती। गिरोह सदस्य कम्प्यूटर स्क्रीन पर प्राप्त होने वाले निर्देशों की पालना करते थे। ठगी का यह सेंटर कंपनी की आड़ में संचालित हो रहा था जो आपस में फोन पर बात नहीं करते। इनका हायर सेंटर पर व्हाट्सएप चैट संपर्क होता था।
    राष्ट्रीय स्तर पर साइबर ठगी गिरोह का संचालन
    एसपी ने बताया कि बरामद मोबाइल फोन के पीछे कागज पर छदम खाता धारकों के नाम, मोबाइल नम्बर व बैंक का नाम लिखा हुआ है। आरोपियों के कब्जे से बरामद लाखों की कीमत के 20 मोबाइल फोन अलग-अलग खातों में राशि ट्रांसफर करने के लिए काम में लिए जाते थे। आरोपियों के कब्जे से जो छदम खातों की डिटेल प्राप्त हुई है वह बैंगलोर, महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर आदि स्थानों की है। इससे यह तथ्य सामने आया है कि आरोपी राष्ट्रीय स्तर पर साइबर ठगी गिरोह का संचालन कर रहे थे। प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि खातों में ट्रांसफर किए गए रुपए हवाला, साइबर फ्रॉड, अवैध आॅनलाइन गेमिंग, यूएसटीडी का हो सकता है। बैंकों का खाता खुलने से लेकर लेनदेन की प्रक्रिया में बैंक कर्मचारियों व अधिकारियों की भी संलिप्तता की संभावना है। प्रथम दृष्टतया आरोपियों से बरामद मोबाइल फोन से करोड़ों रुपयों का अवैध लेनदेन सामने आया है।
    प्रतिदिन 5 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए का साइबर फ्रॉड लेनदेन
    एसपी हरी शंकर ने बताया कि अभी तक प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि बरामद 20 मोबाइल फोन अलग-अलग छदम खातों से जुड़े थे। इन खातों में अलग-अलग राज्यों के लोगों के साथ साइबर फ्रॉड कर फ्रॉड की राशि छदम खातों में ट्रांसफर करते थे। आरोपियों के कब्जे से बैंक पास बुक्स, एटीएम कार्ड, चेक बुक्स आदि बैंगलोर, जम्मू एंड कश्मीर, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र आदि राज्यों की है। इसके संबंध में बैंकों से रिकॉर्ड प्राप्त किया जा रहा है। प्रथम दृष्टया प्रतिदिन करीब 5 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए का साइबर फ्रॉड लेनदेन आरोपियों की ओर से किया जा रहा था। बरामद छदम खातों के खाताधारक विभिन्न राज्यों के हैं। यह एक राष्ट्रीय साइबर गिरोह है। इसके तार भारत के विभिन्न राज्यों में साइबर गिरोह से जुड़े हुए हैं। अभी तक करोड़ों रुपयों के फर्जी लेनदेन के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई है। इसके संबंध में अनुसंधान जारी है।

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