नई दिल्ली. पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन ने हर वर्ष की तरह इस बार भी काफी नुकसान हुआ है। भारी बारिश से प्रदेश में सड़कों, पानी व अन्य परियोजनाओं के साथ-साथ निजी संपत्तियों की भी भारी क्षति हुई है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार भारी बरसात से 24 जून से लेकर अब तक हिमाचल सरकार को 8660.18 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इनमें सबसे ज्यादा नुकसान सड़कों को हुआ। प्रदेश के लोक निर्माण विभाग को 2934.85 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं, प्रदेश भर में अलग-अलग घटनाओं के चलते 393 लोगों की मौत हो चुकी है।
393 लोगों ने गंवाई जान, 39 लोग अब भी लापता
हिमाचल प्रदेश में 24 जून से लेकर अब तक अलग-अलग घटनाओं के चलते 393 लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं। 39 लोग अब भी लापता बताए जा रहे है। सड़क हादसों में छह, डूबने से चार, भूस्खलन में चार और 20 बाढ़ की चपेट में आने से 20 लोगों का पता नहीं चला पाया है। इसके अलावा प्रदेश में अलग-अलग घटनाओं में 367 लोग घायल हो गए।
PWD को बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान
हिमाचल में मानसून में भारी बारिश की वजह से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ है। अब तक बारिश से करीब 8660 करोड़ का नुकसान का पता चला है। इसमें सबसे ज्यादा पीडब्ल्यूडी को 2934 करोड़ की क्षति पहुंची है। मानसून में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19,537 परियोजनाओं को भारी नुकसान पहुंचा है।
अभी भी 205 सड़कें बंद
वहीं पदेश में बारिश और लैंडस्लाइड के कारण अभी भी 205 सड़कें बंद हैं। इनमें पीडब्ल्यूडी मंडी जोन में 92, शिमला जोन में 45, हमीरपुर जोन में 39 और कांगड़ा जोन में 27 सड़कें बंद हैं। इसके अलावा 97 पुलों को प्रदेश में नुकसान पहुंचा है। जबकि 19 पुल बाढ़ के प्रकोप का शिकार होकर बह गए हैं।