मशहूर सीरियल ‘बालिका वधू’ में ‘दादी सा’ की भूमिका निभाने वाली सुरेखा सीकरी के निधन से टीवी इंडस्ट्री में शोक की लहर है। 75 वर्ष की आयु में कार्डियक अरेस्ट के चलते उन्होंने आखिरी सांस ली। दैनिक भास्कर से खास बातचीत के दौरान, उनकी को-स्टार अविका गौर ने उनसे जुड़ी कुछ खास यादें शेयर कीं। साथ ही उन्होंने सुरेखा को अपना गुरू भी बताया।
सेट पर सुरेखा के साथ अविका को हर दिन स्कूल की तरह लगता था
अविका ने कहा, “मुझे आज भी याद है मैं पहली बार ‘बालिका वधू’ के सेट पर उनसे मिली थी। बहुत घबराई हुई थी, उनके सामने बहुत छोटी थी और वो बहुत ज्यादा अनुभवी कलाकार थीं। यकीन मानिये, उस दिन वो सिर्फ मेरे सामने मुस्कुराती रहीं। मुझे शुरुआत में सेट पर समझ ही नहीं आता था और कुछ देर बाद मैं कम्फर्टेबल हुई। ये उनकी पर्सनालिटी थी। उन्होंने पहले दिन मुझे जो पॉजिटिविटी दी थी, वो आज भी मेरे जेहन में है और हमेशा रहेगी। मैं सच में चाहती हूं कि उनके साथ बिताए हुए हर पल मेरे साथ रहें। सेट पर हमें हर दिन एक स्कूल की तरह लगता था जहां वो हमारी टीचर थीं। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है।”
अविका ने सुरेखा को एक खूबसूरत इंसान बताया
अविका ने आगे कहा, “आज मेरे लिए बहुत दुखद दिन है। सुरेखा जी के साथ मेरी कुछ अद्भुत यादें हैं। एक अविश्वसनीय अभिनेत्री होने के साथ-साथ वो एक खूबसूरत इंसान भी थीं। सेट पर उनकी एनर्जी से मेल खाना बहुत मुश्किल था। वह हम बच्चों के साथ बहुत अच्छे से रहती थीं और हर मौके पर छोटी-छोटी सलाह देती थीं। उनकी दी हुई सलाह को मैं आज भी अपनी जिंदगी में अपनाती हूं, उनकी सलाह मुझे काफी मदद करती है। सीन्स और स्क्रिप्ट के बारे में उनकी समझ बहुत अच्छी थी और वह सबसे कम आंकी गई प्रतिभाओं में से एक हैं। वे बहुत कुछ डिजर्व करती थीं। उन्होंने वास्तव में हमें फॉलो करने के लिए एक विरासत छोड़ी है। मैं उनसे हमेशा प्यार करती रहूंगी और वो मेरे दिल में हमेशा जिंदा रहेंगी।”
अविका ने सुरेखा से ग्राउंडेड रहना सीखा
अविका ने बताया, “सेट पर उन्होंने मुझे कभी यह महसूस नहीं होने दिया कि मैं इतने अनुभवी व्यक्ति के साथ काम कर रही हूं और मुझे एक निश्चित तरीके से व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने मुझे आगे बढ़ने में मदद की। मैंने उनसे सीखा कि हर दिन हर किरदार को 100% आप की जरूरत होती है। मैंने उनके काम को बहुत मेहनत से देखा है और यही मेरी प्रेरणा रहेगी। बहुत खुशकिस्मत हूं कि मैंने अपने सफर की शुरुआत उनके साथ की। यह एक आशीर्वाद था और मुझे यकीन है कि वह जहां भी हैं, वह मुझे आशीर्वाद दे रही हैं और मुझे बढ़ने में मदद कर रही हैं। मैंने उनसे ग्राउंडेड रहना सीखा है।”
सुरेखा को अपना गुरु मानती हैं अविका
अविका कहती हैं, “वो मेरी गुरु थीं, भारतीय सिनेमा के महानतम अभिनेताओं में से एक, एक लीजेंड थीं। उन्होंने अभिनेताओं की पीढ़ियों को प्रेरित किया और उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। सुरेखा मैम एक प्रेरणा थीं और उन्होंने डिसिप्लिन के साथ हम जैसे एक्टर्स को रास्ता दिखाया।”