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सीजन खत्म होते-होते उछले किन्नू के दाम:पिछले दो साल से घटा उत्पादन,  इस बार दाम 70 से 80 रुपए प्रति किलो

श्रीगंगानगर. देश और विदेश में श्रीगंगागनर को पहचान दिलाने वाले किन्नू का प्रोडक्शन इस बार इलाके में बेहद कम रहा है। ऐसे में इस बार सीजन एंड तक आते-आते किन्नू के दाम में जबर्दस्त उछाल आया है। इस बार किन्नू सत्तर से अस्सी रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है। हालांकि इस बार इसकी क्वालिटी भी ज्यादा अच्छी नहीं है लेकिन कम प्रोडक्शन के चलते दाम में तेजी आई है।

श्रीगंगानगर के एक बाग में किन्नू । (फाइल फोटो।)

श्रीगंगानगर के एक बाग में किन्नू । (फाइल फोटो।)

प्रोडक्शन एरिया बढ़ने के बाद भी उत्पादन घटा
इलाके में इस बार बारह हजार हैक्टेयर से ज्यादा एरिया में किन्नू की बुवाई हुई है। यह पिछले साल के मुकाबले कुछ ज्यादा है। इसके बावजूद प्रोडक्शन कम ही रहा। इसका बड़ा कारण यह है कि किन्नू का प्रोडक्शन एरिया बढ़ने के बावजूद किन्नू के बागान में फ्रूट आने में चार साल लगते हैं। ऐसे में इस साल बढ़ा प्रोडक्शन एरिया अभी फायदा नहीं दे रहा। इसी का असर है कि किन्नू के बागों में प्रोडक्शन कम होने का असर नजर आने लगा है।
इस बार करीब एक लाख मीट्रिक टन प्रोडक्शन
किन्नू के प्रोडक्शन की बात करें तो इस बार यह महज 95 हजार एमटी तक ही रहेगा। वहीं पिछले साल वर्ष 2021 में यह 2.80 लाख मीट्रिक टन था। इससे पिछले साल वर्ष 2020 में किन्नू का उत्पादन 3.80 लाख मीट्रिक टन रहा है।

एक बाग में किन्नू के फल।

एक बाग में किन्नू के फल।

रिटेल में मिल रहा महंगा
किन्नू के थोक विक्रेता सुरेंद्र सचदेवा बताते हैं कि किन्नू का सीजन लगभग समाप्ति की ओर है। वहीं प्रोडक्शन भी कम है। ऐसे में इस बार भाव सत्तर से अस्सी रुपए किलो तक पहुंच गए हैं।
वहीं एसिस्टेंट डायरेक्टर (हॉर्टिकल्चर ) प्रीति गर्ग बताती हैं कि इस बार गर्मी और नहरबंदी के चलते किन्नू के फूल झड़ गए थे। ऐसे में प्रोडक्शन कम हुआ है। यह करीब 95 हजार मीट्रिक टन ही है। इसके साथ ही अब सीजन भी समाप्ति की ओर है। ऐसे में भावों में तेजी आई हैं।