नई दिल्ली
सहारा इंडिया में जमा पैसा निकालने के लिए जद्दोजहद कर रहे निवेशकों के लिए बड़ी खबर है। कंपनी का कहना है कि वह निवेशकों की एक-एक पाई वापस कर चुकी है। जबकि सहारा ग्रुप पर 50,000 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है। कंपनी ने कहा है कि इन आरोपों में कोई दम नहीं है। बता दें गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय ने सहारा ग्रुप की कंपनियों पर निवेशकों से 50,000 करोड़ रुपये जुटाने और फिर इन पैसों के गबन का आरोप लगाया है।
कुछ दिन पहले सहारा इंडिया ने एक बयान में कहा था, ” हम पर लगाया गया 50,000 करोड़ रुपये के गबन का आरोप सही नहीं है और हमारे पास इसके सबूत हैं। जब हम सारा पैसा वापस कर चुके हैं तो फिर गबन और हेराफेरी का सवाल कहां से पैदा होता है।” बता दें SFIO सहारा की कंपनियों के खिलाफ इस कथित धोखाधड़ी की जांच कर रहा था, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी।
रोक हटाने की अपील: एसएफआईओ ने इस रोक को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की है और बीते शुक्रवार को इस पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था। एजेंसी की तरफ से पेश हुए सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में बताया था कि सहारा की नौ कंपनियों के खिलाफ नवंबर 2018 से जांच चल रही थी, जिसे इस साल 31 मार्च तक पूरी होनी थी।