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ससुरालवालों ने दामाद का अपहरण कर कुल्हाड़ी से काट डाला, 10 साल से चल रहा था दहेज प्रताड़ना का केस

अलवर।

राजस्थान के अलवर जिले के गोविंदगढ़ इलाके में रहने वाले एक 37 साल के शख्स की उसके ससुराल वालों ने अपहरण कर हत्या कर दी। मृतक पर पिछले 10 साल से दहेज प्रताड़ना का केस चल रहा था। मामले में मृतक के परिवार द्वारा ससुरालवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के बाद गुरुवार को उसके साले को गिरफ्तार कर लिया गया।

मृतक नईम खान के परिवार द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसार, उसकी नाक और पैर कुल्हाड़ी से काट दिए गए थे। दहेज प्रताड़ना मामले में अदालत में पेशी से लौटने के बाद से खान छह सितंबर से लापता था। परिवार ने उसी दिन लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी। एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि उन्हें नईम के ससुराल वालों पर उसके अपहरण का शक है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, गोविंदगढ़ पुलिस स्टेशन के एक अफसर ने बताया, ‘शिकायतकर्ताओं के संदेह के आधार पर हमने मृतक के बहनोई अकरम खान (36) को हिरासत में लिया। उसने पूछताछ के दौरान हत्या की बात कबूल की। ​​जिसके बाद हमने एक खेत से मृतक का शव बरामद किया। हमने अकरम खान को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है।’ पुलिस ने बताया कि अपहरण और हत्या के मामले में अन्य आरोपी फरार हैं।

भरतपुर का रहने वाला था नईम
नईम के शरीर पर कई चोट के निशान थे। पुलिस ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि उसे कुल्हाड़ी से मारा गया था। उसकी नाक, पैर, हाथ और शरीर के अन्य हिस्सों में कटे के निशान थे। प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि उसका अपहरण किया गया था और उसे बेरहमी से मार दिया गया था।’ जानकारी के मुताबिक, नईम भरतपुर जिले के जुहेड़ा गांव का रहने वाला था और उसकी ससुराल अलवर के गोविंदगढ़ इलाके में थी। 

‘मां-बाप को नहीं छोड़ा, इसलिए लगवाया था दहेज प्रताड़ना’ 
अधिकारी ने कहा, ‘नईम के खिलाफ 2012 में दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज किया गया था। उसने 2002 में शादी की थी और उसकी पत्नी के साथ उसके संबंध अच्छे नहीं थे। उनका तकरीबन रोज ही झगड़ा होता था।’ नईम के पिता आशु खान ने कहा, ‘मेरे बेटे की पत्नी और उसके घरवाले उसकी शादी के बाद से उसे लगातार परेशान कर रहे थे। वे उसे हमें (माता-पिता) छोड़ने और उनके साथ रहने के लिए मजबूर कर रहे थे। उन्होंने 2012 में उसके खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था। जिसके बाद से उसकी पत्नी अपने माता-पिता के साथ रहने लगी थी।’