जयपुर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के छह सलाहकारों की नियुक्ति पर हुए विवाद के बीच अब सरकार ने इन्हें लाभ के पद के दायरे से बाहर निकालने की तरकीब सोच ली है। अब तक बने सीएम के 6 सलाहकारों और आगे बनने वाले संसदीय सचिवों को अब न मंत्री का दर्जा मिलेगा, न वेतन-भत्ते और न दूसरी सुविधाएं मिलेंगी। आगे बोर्ड, निगमों में विधायकों को राजनीतिक नियुक्ति देने में भी यही पैटर्न अपनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को साफ तौर पर इसके संकेत दे दिए हैं कि विधायकों को इस तरह नियुक्तियां दी जाएंगी, जिससे वे लाभ के पद के दायरे से बाहर रहें।