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सबसे ‘कमाऊ पूत’ को बेचने पर क्यों तुली है सरकार? निजी हाथों में देने को रणनीतिक चूक मान रहे हैं विशेषज्ञ

ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ओएनजीसी) ने इस वर्ष की दूसरी तिमाही में किसी भी अन्य भारतीय कंपनी की तुलना में सर्वाधिक 18,347 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया है। इस तरह यह कंपनी देश की सबसे कमाऊ कंपनी कही जा सकती है। लेकिन इसके बाद भी सरकार ने इसके विनिवेश का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार ने 28 अक्तूबर को एक पत्र के जरिए ओएनजीसी को मुंबई हाई और बेसिन क्षेत्र के कुल उत्पादन में 60 फीसदी हिस्सेदारी निजी कंपनियों को देने को कहा था। इससे कंपनी के कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। वे सरकार से इस निर्णय को वापस लेने की अपील कर रहे हैं।
निजी कंपनी को लाभ पहंचाने की साजिश
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी को लिखे पत्र में ओएनजीसी के 17,000 कर्मचारियों के एक संगठन ने कहा है कि कंपनी बेहद अच्छी आर्थिक स्थिति में है, उसे निजी क्षेत्र के हाथों में नहीं सौंपा जाना चाहिए। इससे कंपनी के कर्मचारियों के साथ-साथ देश के रणनीतिक महत्व के ऊर्जा हितों को गंभीर चोट पहुंच सकती है। संगठन के नेता और मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव रहे अमर नाथ ने इसे सरकार की बड़ी गलती बताया है।

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