नई दिल्ली
इजराइली कंपनी के पेगासस स्पायवेयर के जरिए फोन टेपिंग की रिपोर्ट पर सोमवार को संसद में जमकर बवाल हुआ। कांग्रेस ने पत्रकारों समेत दूसरी हस्तियों के फोन टेपिंग की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की। सरकार ने इसे खारिज करते हुए कहा कि रिपोर्ट में लीक हुए डेटा का जासूसी से कोई लेना-देना नहीं है। 16 मीडिया समूहों की साझा पड़ताल के बाद जारी इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए सरकार पत्रकारों समेत जानी-मानी हस्तियों की जासूसी करा रही है।
अमित शाह ने जासूसी विवाद पर कहा, ‘विरोधी और गड़बड़ फैलाने वालों की साजिशों से देश का विकास नहीं रुकेगा। मैं भारत की जनता को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि मोदी सरकार की प्राथमिकता राष्ट्र की भलाई है। ये रिपोर्ट केवल इसलिए जारी की गई है ताकि भारत को दुनिया में बदनाम किया जा सके। कुछ लोग भारत के विकास को पटरी से उतारने के लिए ऐसा कर रहे हैं। बिना पतवार की कांग्रेस अपने लिए फायदा देखकर उछल रही है और ऐसा अप्रत्याशित नहीं है। उनके पास लोकतंत्र को कुचलने का अनुभव है।’
मानसून सत्र से पहले ऐसी रिपोर्ट केवल संयोग नहीं- IT मिनिस्टर वैष्णव
संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘रविवार की रात को एक वेब पोर्टल ने बेहद सनसनीखेज स्टोरी पब्लिश की। इसमें कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। संसद के मानसून सत्र की शुरुआत के एक दिन पहले इस स्टोरी को लाया गया। यह सब संयोग नहीं हो सकता। पहले भी वॉट्सऐप पर पेगासस के इस्तेमाल को लेकर इसी तरह के दावे किए गए थे। उन रिपोर्ट्स में भी कोई फैक्ट नहीं थे और उन्हें सभी ने नकार दिया था। 18 जुलाई को छपी रिपोर्ट भारत के लोकतंत्र और उसके संस्थानों की छवि खराब करने की कोशिश दिखाई देती है।’