बीकानेर. नगर निगम में हर महीने 1480 सफाई कर्मचारियाें काे वेतन बनता है, जबकि फील्ड में 1100-1200 कर्मचारी ही नजर आते हैं। सफाई कर्मचारियाें की संख्या के इस गड़बड़झाले का असर शहर की सफाई पर पड़ रहा है। एक वार्ड में 17 कर्मचारी कागजाें में स्वीकृत हैं लेकिन आते 12 रहे हैं। पांच कर्मचारी कहां हैं किसी काे पता नहीं पर वेतन हर महीने बन रहा। एक वार्ड में 15 कर्मचारी स्वीकृत हैं लेकिन माैके पर 11 की मिलते हैं। शहर के 80 वार्डाें में 1400 सफाई कर्मचारी हाेने का दावा कर वेतन बन रहा मगर राेज सफाई 1100 से 1200 के बीच सफाई करते हैं।
निगम में हर महीने 1480 सफाई कार्मिकाें का वेतन हर महीने बनता है। इसमें 73 कार्मिक दफ्तराें में बाबू बने हुए हैं। उन्हें झाडू नहीं पकड़नी आती। तीन कार्मिक अधिकारियाें की काेठियाें पर हैं। पार्कों की देखरेख के लिए 9 और बीपीएल शाखा में चार कार्मिक दिखाए गए हैं। यानी इस लिहाज से तकरीबन 1400 कार्मिक सड़काें पर सफाई करने बताए हैं लेकिन वार्डाे की हकीकत कुछ अलग ही कहानी कह रही। वार्ड 37 में एक कार्मिक एक साल तक सफाई करने नहीं आया पर उसका वेतन उठता रहा। तत्कालीन आयुक्त पंकज शर्मा तक शिकायत पहुंची मगर कोई कार्रवाई नहीं। वर्तमान में भी 15 में से राेज तकरीबन चार छुट्टी पर रहते हैं। ये ही हाल वार्ड 38 के हैं। ये सिर्फ बानगी है। कमोबेस हर वार्ड में यही हालात हैं।