जयपुर। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद भी पार्टी पदाधिकारियों में नाराजगी दूर नहीं हुई है। 25 सितंबर को गहलोत खेमे के विधायकों के बैठक बहिष्कार का मामला अब भी पेंडिंग में है। और, इसी पर गुजरात प्रभारी रघु शर्मा ने सवाल उठाते हुए सरकार पर तंज कसते हुए कहा- मैं किसी के बारे में क्या टिप्पणी करू, हाईकमान सब देख रहा है। मैं मेरी बात कर सकता हूं, मैं पार्टी और हाईकमान का लॉयलिस्ट हूं। हम उम्मीद करते हैं पार्टी और हाईकमान के प्रति निष्ठा दिखाएं, संगठन के प्रति निष्ठा दिखाएं। व्यक्तिगत निष्ठाओं से पार्टियां नहीं चलती।
दरअसल, शुक्रवार को रघु शर्मा जयपुर सर्किट हाउस में प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से मिलने पहुंचे। यहां मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। विधायक दल की बैठक के बहिष्कार के मामले में एक्शन पेंडिंग होने के सवाल पर रघु शर्मा ने कहा कि यह पार्टी हाईकमान को देखना है। राजस्थान में कांग्रेस का कार्यकर्ता हूं, गुजरात का प्रभारी हूं, वही मेरे हाईकमान ने मुझे जिम्मेदारी दी है, लेकिन किसी भी मैटर पर अंतिम फैसला हाईकमान ही लेता है, इस पर भी फैसला हाईकमान लेगा।
रघु शर्मा ने कहा- हम हाईकमान के साथ खड़े हैं, हाईकमान हमारा जो भी फैसला लेगा वह सबको मान्य है। पिछले 40 साल में हमने देखा है, इंदिरा गांधी का टाइम हो या राजीव गांधी का टाइम हो, नरसिम्हा राव के टाइम में हो या अब हो, राजस्थान का कांग्रेस का कार्यकर्ता हमेशा हाईकमान के साथ खड़ा रहा है, किसी व्यक्ति के साथ खड़ा नहीं रहा है,यही संस्कृति कांग्रेस की रही है और इसी संस्कृति ने राजस्थान में कांग्रेस को मजबूत किया है।
सीएम बदलाव की चचार्ओं पर रघु शर्मा ने कहा कि ये सब बातें कैमरे पर कोई नहीं करता। जब हम वन टू वन मिलते हैं तो सारी बातों पर चर्चा होती है। इस पर फैसला आलाकमान का होता है, क्योंकि मैं तो हमेशा 40 साल से मैं कांग्रेस हाईकमान का लॉयलिस्ट आदमी रहा हूं। जो भी हाईकमान आदेश देता है वही करता हूं। चाहे कोई घटना रही हो, हर बार हमारा स्टैंड क्लियर है। पार्टी हाईकमान जो फैसला करता है उसके साथ है।
25 सितंबर को गहलोत गुट के विधायकों के विधायक दल की बैठक के बहिष्कार के मुद्दे पर रघु शर्मा ने कहा— इस पर मैं क्या टिप्पणी करूं, मैंने आपको कहा कि मैं तो पार्टी का लॉयलिस्ट हूं। जो विधायक दल के हमारे सचेतक हैं, उन्होंने मुझे जो कहा कि आपको 7:30 बजे बैठक में आना है, वहां पहुंचना है तो मैं सीएम हाउस पहुंच गया। दूसरी मीटिंग की जानकारी मेरे पास नहीं थी। वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे जी और हमारे हमारे पहले के प्रभारी महासचिव अजय माकन सीएम हाउस पर जब तक रहे, मैं तो मुख्यमंत्री निवास पर रात को 2:00 बजे तक था।
रघु शर्मा बोलेसी कोई उलझन नहीं जिसका समाधान नहीं हो सकता। उलझन कहां नहीं हैं। बीजेपी में देखिए, वहां 10-10 मुख्यमंत्री के उम्मीदवार घूम रहे हैं, हमसे ज्यादा उलझन है। संगठन को लेकर उनका कहना था कि- इसमें कोई दो राय नहीं है कि संगठन बनाने देर तो इतनी हो चुकी है, लेकिन अब मुझे लगता है कि आने वाले 15 दिन में सब का समाधान निकल जाएगा। नए प्रभारी सब से बात कर रहे हैं, जब से आए हैं कोशिश में लगे हुए हैं। हमारा दो ढाई साल का टाइम खराब हुआ, जिसमें संगठन नहीं बन पाया, जिला, ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं हो पाई। अब संगठन की नियुक्तियों की तैयारी है।
उलझन सुलझाने सुलझा हुआ प्रभारी चाहिए जो हमें मिला है रघु शर्मा ने नए प्रभारी को लेकर कहा कि हमारे नए प्रभारी रंधावा बहुत सुलझे हुए नेता है और खनदानी कांग्रेसी हैं। मैं 4 दिन से मेरे विधानसभा क्षेत्र में था, इनसे स्वीकृति लेकर फीडबैक बैठक में नहीं आया था। हमारे प्रभारी हैं, उनसे राजनीतिक बातचीत तो करना जरूरी है। दिल्ली में भी मेरी उनसे बातचीत हुई थी, आज भी राजस्थान के संदर्भ में विस्तार से इनसे बातचीत हुई है। उलझी हुई स्थितियों को समझने और सुलझाने के लिए ही सुलझा हुआ प्रभारी चाहिए। हमें अच्छा प्रभारी मिला है जो एक्सपीरिएंस भी है खानदानी कांग्रेसी हैं।
वे बोले- जब भी प्रभारी आते हैं तो सुझाव दिए जाते हैं। कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में जो मेरी भावना है, कैसे कांग्रेस मजबूत हो और सरकार बने इस पर सुझाव दिए हैं। एकजुट होकर लड़ें तो बीजेपी हमें हरा ही नहीं सकती। पार्टी में सब एकजुट रहें, पूरी ताकत के साथ पूरे प्रदेश में मजबूती से काम करें और यही सब लोगों की भावनाएं हैं।