कोरोनावायरस की मौजूदा वैक्सीन्स का तीसरा डोज ओमिक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ हमारी इम्यूनिटी 88% तक बढ़ा सकता है। यह दावा ब्रिटेन में हुई एक हालिया रिसर्च में किया गया है। UK हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) की रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरा डोज लेने के 6 महीने बाद ही उसका असर 52% कम हो जाता है। इसलिए कोरोना संक्रमण और गंभीर लक्षणों से बचने के लिए बूस्टर डोज लगवाना जरूरी है।
ओमिक्रॉन होने पर अस्पताल में भर्ती होने से बचाता है बूस्टर डोज
UKHSA की रिपोर्ट में ये साफ कहा गया है कि डेल्टा वैरिएंट की तुलना में बूस्टर डोज ओमिक्रॉन पर कम असरदार है। हालांकि, ये ओमिक्रॉन होने पर मरीजों को उन गंभीर लक्षणों से जरूर बचाता है, जिनसे अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आती है। हाल ही में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बताया था कि देश के ICUs में भर्ती 90% कोरोना पीड़ितों को बूस्टर डोज नहीं लगा है।