अजमेर। शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा को एसओजी द्वारा हिरासत में ले लिया गया है। इसी कड़ी में पूर्व शिक्षा मंत्री व अजमेर उत्तर के विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि अब आयोग के अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय की भूमिका भी जांच कराई जानी चाहिए। देवनानी ने भर्ती परीक्षा मामले में अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संजय श्रोत्रिय से इस्तीफा देने की मांग की है।
कांग्रेस के शासनकाल में हुए अब तक 17 पेपर लीक
वासुदेव देवनानी ने कहा कि कांग्रेस के साढ़े चार साल के शासनकाल में अब तक 17 भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं,जिसमें राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) भी शामिल है। उन्होंने कहा कि कांग्रेन ने पेपर लीक मामले से जुड़े आरोपियों पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की। इसी कारण से पेपर लीक गिरोह के हौंसले और बुंलद हो गए और ऐसे मामले बढ़ते गए।
देवनानी ने आगे कहा कि भाजपा तो पहले ही कहती रही है कि पेपर लीक गिरोह के तार ऊपर तक जुड़े हुए हैं। सरकार ने पेपर लीक मामलों में उलझे सत्ता व संगठन के लोगों को हमेशा बचाने का प्रयास किया। अब आयोग के सदस्य कटारा को हिरासत में हमारी बात सही साबित हुई है। उन्होंने कहा कि कटारा की राजस्थान लोक सेवा में बतौर सदस्य कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2020 में नियुक्ति की थी, इसलिए कटारा के पदभार ग्रहण करने से लेकर अब तक आयोग द्वारा जितनी भी भर्ती परीक्षाएं और इंटरव्यू कराए गए हैं, उन सभी की जांच कराई जानी चाहिए।
पेपर बनवाने में सामूहिक निर्णय होते हैं
देवनानी ने कहा कि जब आयोग द्वारा कोई भी भर्ती परीक्षा कराई जाती है, तो पेपर तक किसी एक सदस्य की पहुंच नहीं होती है। सभी सदस्य सामूहिक रूप से निर्णय लेते हैं। कटारा के तार केवल गिरोह तक नहीं, बल्कि ऊपर तक जुड़े हुए हो सकते हैं, इसलिए एसओजी को सभी पहलुओं की जांच कर सच्चाई सबके सामने लानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आयोग के पूर्व अध्यक्ष हबीब खां गौराण को आरएएस भर्ती परीक्षा मामले में गिरफ्तार किया गया था।
गौराण की नियुक्ति भी तब कांग्रेस सरकार ने ही की थी, लेकिन गौराण को भाजपा शासनकाल में पकड़ा गया था। यही नहीं, रीट पेपर लीक मामले में आज तक राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष डी.पी. जारौली से पूछताछ नहीं की गई है। उन्होनें सवाल उठाया है कि आखिर जारौली को अब तक पूछताछ से वंचित क्यों रखा गया है। अगर उनसे भी कड़ाई से पूछताछ की जाए, तो रीट पेपर लीक मामले में भी मगरमच्छों का खुलासा हो सकता है।
पहले दिया अपराधियों को संरक्षण,अब चेतावनी
देवनानी ने कहा, कटारा को हिरासत में लिए जाने से यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि आयोग में इंटरव्यू कैसे हुए होंगे। इंटरव्यू में घालमेल होने की आशंका बल खाती है। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान ‘अपराधी सरेंडर कर दें, वरना उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया जाएगाह्ण पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि अपराधियों को सरकार पिछले साढ़े चार साल में संरक्षण देती रही है और चेतावनी दी जा रही है।
यदि अपराधियों के खिलाफ सरकार द्वारा पहले ही कड़ी कार्यवाही की जाती, तो राजस्थान में कानून-व्यवस्था चौपट नहीं होती और पेपर लीक की इतनी घटनाएं नहीं होतीं। अब मुख्यमंत्री गहलोत अपराधियों को चेतावनी देकर अपनी छवि सुधारने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन जनता उनकी सारी चाल को अच्छी तरह समझ चुकी है और विधानसभा चुनाव में इसका जवाब देगी।
भाजपा कार्यकतार्ओं के साथ किया प्रदर्शन
देवनानी की अगुवाई में भाजपा कार्यकतार्ओं के साथ कटारा के सरकारी आवास के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने कांग्रेस सरकार और आयोग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन करने वालों में महिला मोर्चा की अध्यक्ष भारती श्रीवास्तव, गजेंद्र शर्मा, रचित कच्छावा, सरोज चौधरी, रेणु यादव आदि शामिल रहे।