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लखीमपुर खीरी हत्याकांड की बरसी पर प्रधानमंत्री का पुतला दहन

  • केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त करने की मांग
    हनुमानगढ़ (सीमा सन्देश न्यूज)।
    लखीमपुर खीरी घटना की बरसी पर संयुक्त किसान मोर्चा हनुमानगढ़ के सदस्यों की ओर से सोमवार को पूर्व घोषणानुसार जंक्शन की धानमंडी स्थित कृषि उपज मंडी समिति कार्यालय के गेट पर प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया गया। लखीमपुर खीरी घटना को लेकर केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को पद से बर्खास्त करने, किसानों को जेल से रिहा कर उन पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग को लेकर पीएम का पुतला दहन कर विरोध दर्ज कराया गया। साथ ही काली पट्टी बांधकर लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर 2021 को हुई घटना में जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर किसान नेता रेशमसिंह ने कहा कि पिछले साल आज ही के दिन 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में किसान शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे थे। तब केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी व उनके बेटे ने सुनियोजित तरीके से किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी। इस कारण चार किसानों सहित पांच जनों की मौत हो गई जबकि 12-13 किसानों के चोटें आई। लेकिन आज तक केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने बताया कि उस समय इस घटना के विरोध में किसान धरने पर बैठे थे। तब संयुक्त किसान मोर्चा की सरकार के साथ कुछ बातें तय हुई थीं। लेकिन आज तक उन मुद्दों पर सरकार ने बात नहीं करनी चाही। न तो जान गंवाने किसानों के परिवारों को नौकरी मिली है और न ही मुआवजा। उसी के विरोध में प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा की मांग है कि केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त कर उन्हें जेल में डाला जाए। मृतक किसानों के परिवार को मुआवजा नौकरी दी जाए। इसके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा हनुमानगढ़ की ओर से मूंग और धान की सरकारी खरीद शुरू करने की है। इस संबंध में कई बार अधिकारियों को मांगपत्र सौंपे गए। क्योंकि इन फसलों की सरकारी खरीद शुरू न होने से मजबूरन किसानों को कम दामों पर कृषि जिन्स बेचकर घाटा उठाना पड़ रहा है। किसान अपनी मूंग की फसल 1000 से 1500 रुपए घाटे में बेच रहा है। जबकि सरकार कह रही है कि 1 नवंबर से मूंग की सरकारी खरीद शुरू की जाएगी। मूंग की फसल धानमंडी में आए करीब एक माह हो चुका है। लेकिन अभी तक सरकार की ओर से खरीद शुरू नहीं की गई। यही हालात धान के हैं। धान की सरकारी खरीद की अभी तक कोई व्यवस्था सरकार की ओर से नहीं की गई है। जबकि धान की खरीद एमएसपी के बराबर दाम पर हो रही है। लेकिन आगामी दिनों में अगर धान के दाम नीचे आते हैं तो किसानों को नुकसान होगा। प्रदेश में कहीं भी धान-मूंग की सरकारी खरीद की व्यवस्था राज्य सरकार की ओर से नहीं की गई। पिछले साल धान की सरकारी खरीद की मांग कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज तक हुआ। राजस्थान सरकार की तब काफी किरकिरी हुई। उन्होंने कहा कि अगर शीघ्र ही सरकार ने इन दोनों फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद शुरू नहीं की तो क्षेत्र के किसानों को आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा। इस मौके पर मोर्चा सदस्य रामेश्वर वर्मा, रघुवीर सिंह वर्मा आदि मौजूद रहे।