भाखड़ा के किसानों ने जिला कलक्ट्रेट के समक्ष डाला महापड़ाव, पहुंचे ट्रैक्टर-ट्रॉली पर
दोनों जिलों से भारी तादाद में किसान हुए शामिल हनुमानगढ़ (सीमा सन्देश न्यूज)। भाखड़ा नहर में सिंचाई के लिए पानी चलाने की मांग को लेकर हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर जिले के किसानों ने गुरुवार को पूर्व घोषणानुसार संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले जिला कलक्ट्रेट के सामने महापड़ाव डाल दिया। महापड़ाव में बड़ी तादाद में भाखड़ा क्षेत्र के किसान जुटे। किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर सवार होकर कलक्ट्रेट के समक्ष पहुंचे। महापड़ाव स्थल पर हुई सभा में किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि भाखड़ा सिंचाई परियोजना क्षेत्र में पूरा पानी लेकर ही महापड़ाव समाप्त किया जाएगा न कि किसी झूठे आश्वासन पर। उन्होंने कहा कि प्रशासन और सिंचाई विभाग भोलेभाले किसानों को झूठे वादे कर आश्वासन देकर बरगला रहा है, परन्तु किसान अब प्रशासन एवं सिंचाई महकमे की झूठी बातों में नहीं आएंगे बल्कि भाखड़ा की सूखी नहरों में पानी आने के बाद ही किसान अपने घरों को जाएंगे। भारतीय किसान संगठन संयोजक रायसिंह जाखड़ ने कहा कि भाखड़ा का किसान कई वर्षांे से संघर्ष कर सिंचाई पानी ले रहा है। इस साल भी संघर्ष किया। उनकी एक मांग है कि भाखड़ा के किसान को पानी दिया जाए। भाखड़ा का 1812 क्यूसेक पानी बनता है। लेकिन सिंचाई विभाग ने 1200 क्यूसेक पानी का ढर्रा बना रखा है। पिछले साल सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता ने भाखड़ा के किसानों के साथ लिखित समझौता किया था कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना में बंदी के दौरान 850 क्यूसेक पानी दिया जाएगा। लेकिन विभाग अपने उस वादे पर भी खरा नहीं उतर रहा। विभाग पहले पानी देने की शुरूआत तो करे, फिर किसान बताएंगे कि कितना पानी देना है। लेकिन यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि निकम्मे प्रशासन, निकम्मी सरकार और निकम्मे विपक्ष में से कोई भी किसान के साथ नहीं है। पानी न मिलने से नरमा फसल की बिजाई नहीं हो रही। गांवों में पेयजल का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछले करीब एक माह से भाखड़ा का किसान प्रयासरत है लेकिन अभी तक सिंचाई पानी नहीं मिला है। रोजाना आश्वासन मिल जाता है लेकिन पानी नहीं। लेकिन आज भाखड़ा का किसान आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए इकट्ठा हुआ है। किसान पानी लेकर ही घर जाएगा। आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सुभाष गोदारा ने कहा कि 25 अप्रैल को हुई बैठक में सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने पांच मई को सिंचाई पानी चलाने का आश्वासन दिया था। लेकिन कुछ नहीं हुआ। एक मई को सिंचाई विभाग कार्यालय के समक्ष पड़ाव डाला तब भी यही आश्वासन मिला कि तय शेयर के अनुसार 850 क्यूसेक पानी चलाया जाएगा। पांच मई को किसी कारणवश रिलीज नहीं हुआ तो सात मई तक पानी छोड़ दिया जाएगा। इसके बाद किसानों ने लोहगढ़ हेड पर जाकर कट को बांधने का कार्य किया। किसानों ने कट बांधने के लिए मिट्टी से भरे 13 हजार कट्टे लगाए। लेकिन किसानों को अपनी मेहनत का यह फल मिला। गोदारा ने राजनीतिक पार्टियों के नेताओं पर निशाना साधते हुए उन पर किसानों को उजाड़ने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया और कहा कि 1200 क्यूसेक की बजाए 850 क्यूसेक पानी भी नहीं दिया जा रहा। सिंचाई विभाग के अधिकारी पानी न चलाने का कारण पंजाब को बता रहे हैं। उन्होंने भी कहा कि किसान पीछे नहीं हटने वाला। वह पानी लिए बगैर यहां से नहीं जाएगा।