जयपुर। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाने वाले भाजपा के वरिष्ठतम नेताओं में से एक विधायक कैलाश मेघवाल को आखिरकार पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। पार्टी के अनुशासन समिति के संयोजक ओंकार सिंह लखावत ने मेघवाल के निलंबन की पुष्टि की। इधर कैलाश मेघवाल ने भी आज जयपुर में एक प्रेस कांफ्रेंस करके अपनी बात रखी और एक बार फिर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर आरोप लगाए।
विधायक कैलाश मेघवाल जयपुर में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पार्टी में अंदरूनी गुटबाजी को लेकर खुलकर बोले। उन्होंने आतंरिक गुटबाजी की पोल खोलते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी गुटों में बंटी हुई है। नेता झूठ बोलते हैं कि पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है। ऊपर से लेकर नीचे तक पार्टी गुटों में बंटी हुई है।
विधायक मेघवाल ने कहा कि प्रदेश भाजपा नेतृत्व वसुंधरा राजे के समर्थकों को चुन-चुनकर बाहर कर रहा है और उनका महत्व कम कर रहा है। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं वसुंधरा खेमे में रहना चाहूँगा। जबकि दूसरा गुट एंटी-वसुंधरा का है।
विधायक मेघवाल ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के नाम लेकर गुटबाजी को हवा देने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पार्टी में गुटबाजी करने वाले नेताओं में प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ हैं। मेघवाल ने प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी को पुराना कांग्रेसी कहकर भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि गुटबाजी को लेकर विस्तार से अपनी बात आलाकमान और प्रधानमंत्री तक पहुंचा दी गई है।
मेघवाल ने कहा कि मेरे लम्बे राजनितिक सफर को अनदेखा करके भारतीय जनता पार्टी गुटबाजी में लिप्त है। पार्टी ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को आगे करने के लिए मुझे उपेक्षित किया है। आप सभी मेरा और केंद्रीय मंत्री दोनों का राजनीतिक सफर देखकर आंकलन कर सकते हैं कि मेरे साथ अन्याय हो रहा है। ये अन्याय है, इसे मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा।
मीडिया से बातचीत में विधायक मेघवाल ने बताया कि उन्होंने पार्टी की ओर से मिले नोटिस का जवाब आलाकमान को भेज दिया है। साथ ही प्रधानमंत्री को भी एक पत्र लिखकर मंत्री के भ्रष्टाचार से लेकर आतंरिक गुटबाजी पर अपने विचार रखे हैं।
मेघवाल ने पार्टी से निलंबन किए जाने पर कहा कि मैं फैसले का स्वागत करता हूं। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर चुनाव लड़ने का जिक्र किया और दावा करते हुए कहा कि मैं भाजपा उम्मीदवार के सामने खड़ा होकर हजारों वोटों से हराऊंगा।
अनुशासन समिति के संयोजक ओंकार सिंह लखावत का कहना है कि अपनी ही पार्टी के केंद्रीय मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप सार्वजनिक तौर पर लगाना अनुशासनहीनता की श्रेणी में माना गया था, जिसे लेकर पार्टी आलाकमान की अनुशासन समिति ने 29 अगस्त को विधायक कैलाश मेघवाल को नोटिस जारी किया था। नोटिस का जवाब 10 दिन में देने को कहा गया था।
विधायक मेघवाल की ओर से भेजे गए जवाब का अब प्रदेशाध्यक्ष व प्रदेश नेतृत्व अध्यन करेगा, इसके बाद ही आगे कोई निर्ण? लिया जाएगा। अगर पार्टी जवाब से संतुष्ट नहीं होती है तो कैलाश मेघवाल पर नियमानुसार निष्कासन की कार्रवाई भी की जा सकेगी।
ये है विवाद
दरअसल, भाजपा के वरिष्ठ विधायक कैलाश मेघवाल ने एक सार्वजनिक सभा में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का नाम लेकर उनपर भ्रष्टाचार के कई संगीन आरोप लगाए थे। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को सबसे भ्रष्टतम नेता बताया था। साथ ही कहा था कि सीएम अशोक गहलोत बेहतर मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी बेहतर सांसद हैं।