श्रीगंगानगर। नहर बंदी में पेयजल व्यवस्था सुचारू बनाए रखने का दावा करने वाले अधिकारियों की लापरवाही और सही प्लानिंग नहीं करने के बंदी कुछ दिन बाद से शुरू हुई पेयजल की किल्लत गर्मी बढ़ने के साथ ही और बढ़ गई है। शहर में कई कॉलोनियां ऐसी है जिनमें शुक्रवार से अब तक पानी नहीं आया। यहां जिन लोगों के पास थोड़ा बहुत पानी का स्टॉक था वह भी समाप्त हो गया। इधर नहर बंदी में जहां लोगों को पेयजल उपलब्ध करवाने की जिम्मेवारी है। उसी पानी के लिए एक हजार से 1200 रुपए तक खर्च कर लोगों को टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं। कुछ स्थानों पर विभाग द्वारा टैंकरों के जरीए पानी भेजने के दावे भी किए जा रहे है परन्तु उनके मुकाबले डिमाण्ड अधिक है। जानकारी अनुसार नाथांवाली वाटर वर्क्स में एलएण्डटी द्वारा बनाई डिग्गीयों में चार दिन पूर्व पानी लगभग समाप्त हो गया था। अब यहां पूर्व में बनी डिग्गी में भी पानी कम हो गया है। ऐसे में यहां केवल एक मोटर के जरीए ही पानी उठाया जा रहा है। जबकि दूसरी जगह पानी कम होने के कारण मोटर पानी नहीं उठा पा रही। सहायक अभियंता रुपेश बिश्नोई ने बताया कि कैनाल में जो पानी आया था। वह भी पीछे कम हो गया है। ऐसे में एक मोटर के जरीए जितना उठाव किया जा सकता है किया गया है। बिश्नोई ने बताया कि प्रयास रहेगा की सोमवार को पेयजल आपूर्ति में काफी हद तक सुधार हो और पेयजल आपूर्ति बहाल हो। वहीं सुदामा नगर में पाइप लाइन टूटने के कारण कई कॉलोनियों में पानी नहीं पहुंचा।
मुख्यालय पर मुख्या फिर भी समाधान नहीं
नहर बंदी और बढ़ी गर्मी के कारण गत दो तीन दिनों में पानी की मांग बढ़ी है। ऐसे में नहर बंदी होने के कारण लोगों को उनकी मांग के अनुरुप पानी नहीं मिल पार रहा। सूत्रों का कहना है कि नहर बंदी में आई इस स्थिति बारे विभाग के आलाधिकारियों को इसकी जानकारी थी। इसके बावजूद उनके द्वारा ट्यूबवेल से पानी की आपूर्ति देरी से शुरू की गई। इसके अलावा नए ट्यूबवेल भी नहीं बनाए गए । जबकि नहर बन्दी में लोगों को पेयजल की किल्लत ना हो इसलिए सरकार द्वारा बंदी से कई दिनों पूर्व ही करोड़ों रुपए का बजट जारी किया था। ऐसे में जिला मुख्यालय पर विभाग के आला अधिकारी और अभियंता होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
नहर में आया गन्दा पानी लोग बोले नहीं हो संग्रहण
नहर बंदी के बाद नहरों में पानी की आबक भी शुरू हुई है। परन्तु गंगनहर में आया यह पानी काला और मटमैला व बदबूदार होने से लोगों में रोष है। किसानों का कहना है कि यह पानी सिंचाई के लिए तो उपयोग हो सकता है लेकिन अगले कुछ दिन तक इन्हें पीने के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस पानी के स्टोरेज से तो लोगों में रोग पनपेंगे। इसलिए इस पानी का पीने के लिए स्टोरेज नहीं करना चाहिए। श्रीगंगानगर फल सब्जी उत्पादक संघ के जिलाध्यक्ष अमर सिंह ने बताया कि बदबूदार और काले पानी का स्टोरेज कर इसे साफ करने का दावा किया जाएगा,लेकिन यह पूरी तरह साफ नहीं होगा। ऐसे में अगर इसे पीने में उपयोग किया गया तो यह हर आदमी के लिए नुकसानदायक होगा।