कोलकाता
पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा के आरोपों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर पलटवार किया है। ममता ने गुरुवार को कहा कि BJP के लोग राज्य में राजनीतिक हिंसा का आरोप लगाने की नौटंकी बंद करें। वे उत्तर प्रदेश जाएं, जहां गंगा में लाशें तैर रही हैं। बंगाल में कहीं भी राजनीतिक हिंसा नहीं हो रही है। हम इसकी निंदा करते हैं।
ट्विटर जैसा TMC को भी कंट्रोल करना चाहता है केंद्र
ममता ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर भी हमला बोला। ममता ने कहा कि जिस तरह से ट्विटर को कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार उसे खत्म कर देना चाहती है, उसी तरह मुझे और मेरी पार्टी को भी कंट्रोल करने के लिए हमें बुलडोज कर देना चाहती है। लेकिन मैं बता दूं कि यह कभी संभव नहीं होगा। केंद्र सरकार को अब ऐसे काम बंद कर देने चाहिए।
ममता ने मीडिया से बातचीत में केंद्र सरकार पर सहयोग न करने का आराेप लगाया है। ममता ने कहा- राज्य में पिछले महीने चक्रवातीय तूफान यास से हुए नुकसान के बाद केंद्र सरकार से हमें अब तक कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है।
4 दिन की यात्रा पर दिल्ली में हैं राज्यपाल धनखड़
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ अभी चार दिवसीय दौरे पर दिल्ली में हैं। गुरुवार दोपहर उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकता की। बताया जा रहा है कि धनखड़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई अन्य बड़े नेताओं से भी मिल सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और प्रहलाद सिंह पटेल से मुलाकात की। उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से भी मुलाकात की। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने की बात कही है।
बंगाल के गर्वनर जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ काेविंद से मुलाकात की।
बंगाल के भाजपा विधायकों से मिलकर सीधे दिल्ली निकले
धनखड़ ने दिल्ली की यात्रा के लिए कोई कारण नहीं बताया है। वह मंगलवार को भाजपा विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब होने के आरोप में याचिका दायर करने के अगले ही बाद कोलकाता से दिल्ली चले गए। मंगलवार शाम को रवाना होने से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर राज्य में हिंसा पर चुप्पी साधने और पीड़ित लोगों के पुनर्वास के लिए कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया। उन्होंने ट्विटर पर पत्र साझा किया।
TMC ने कहा- राज्यपाल संविधान का सम्मान नहीं करते
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने कहा, ‘हमने ऐसा राज्यपाल कभी नहीं देखा जिसे संविधान और उसके मानदंडों का कोई सम्मान नहीं है। वह हर संवैधानिक मानदंड का उल्लंघन कर रहे हैं। हमारे संविधान के अनुसार, राज्यपाल को मंत्रिपरिषद के निर्देशों के अनुसार कार्य करना चाहिए। लेकिन वह इस तरह के किसी भी मानदंड का पालन न करते हुए अपनी मर्जी और पसंद के अनुसार काम करते हैं।’
राज्यपाल पर हमला करते हुए दो दिन पहले तृणमूल कांग्रेस की एक अन्य सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया था, ‘अंकलजी 15 जून को दिल्ली जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल साहब हम पर कृपा करें- वापस मत आना।’
ममता को मिला धुर विरोधी वाम मोर्चा का साथ
राज्यपाल और ममता विवाद में बंगाल की सीएम को अपने धुर विरोधी वाम मोर्चा का साथ मिला है। वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस ने गुरुवार को कहा, ‘वह (राज्यपाल) भाजपा के आदमी नहीं हैं, लेकिन उनका काम भाजपा के आदमी होने के समान है। यह राज्यपाल की भूमिका नहीं हो सकती है। वह खुद को भाजपा के आदमी के रूप में पहचान रहे हैं। यह सही नहीं है। एक राज्यपाल की यह भूमिका नहीं हो सकती। विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में।’